Israel-Hezbollah ceasefire: मध्य पूर्व में लंबे समय से चल रहे तनाव के बीच इजरायल और हिजबुल्लाह ने आखिरकार युद्धविराम की सहमति दी है।
इस समझौते का प्रभाव केवल इजरायल और लेबनान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में इसका भू-राजनीतिक असर देखने को मिलेगा। यहां 10 प्वाइंट्स में समझते हैं इस सीजफायर की मुख्य बातें और इसके संभावित परिणाम।
1. सीजफायर की घोषणा कब हुई?
युद्धविराम की घोषणा इजरायल द्वारा दक्षिण बेरूत पर सबसे भारी हमले के तुरंत बाद की गई। यह हमला सितंबर के बाद से अब तक का सबसे बड़ा सैन्य ऑपरेशन माना जा रहा है। बुधवार की सुबह, सीजफायर लागू होने से ठीक पहले भी इजरायल ने कई हवाई हमले किए।
2. गाजा और लेबनान दोनों में संघर्ष
इजरायल इस समय गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह, दोनों से लड़ रहा है। हिजबुल्लाह को ईरान का समर्थन प्राप्त है, जो इस संघर्ष को और जटिल बनाता है।
3. अमेरिकी मध्यस्थता की भूमिका
अमेरिका ने इस सीजफायर को लागू करने में अहम भूमिका निभाई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे गाजा में स्थायी शांति सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। अमेरिका और उसके सहयोगी अब इस समझौते को प्रभावी बनाने के लिए हर संभव मदद देंगे।
4. बंधकों की रिहाई पर जोर
सीजफायर की शर्तों में गाजा में बंधकों को रिहा करना एक अहम मुद्दा है। एक अमेरिकी अधिकारी ने इसे लेबनान और गाजा में शत्रुता की समाप्ति सुनिश्चित करने की दिशा में निर्णायक कदम बताया है।
5. लितानी नदी पर नियंत्रण
सीजफायर में लितानी नदी की ओर बढ़ने और उस क्षेत्र पर नियंत्रण को लेकर भी चर्चा हुई है। यह नदी लंबे समय से इजरायल और लेबनान के बीच विवाद का कारण रही है।
यह भी पढ़े: इनामी माओवादी कमांडर Chhotu Kharwar की गोलीमार कर हत्या
6. ईरान की स्थिति पर प्रभाव
यह सीजफायर ईरान के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। ईरान पर लंबे समय से हिजबुल्लाह और हमास जैसे समूहों को समर्थन देने के आरोप लगते रहे हैं। अगर यह समझौता सफल रहा, तो ईरान के प्रभाव क्षेत्र में कमी आ सकती है।
7. मध्य पूर्व में तनाव कम होने की उम्मीद
इस समझौते से मध्य पूर्व में शांति स्थापना की उम्मीद बढ़ी है। हालांकि, यह शांति कितनी स्थायी होगी, यह इस पर निर्भर करेगा कि सभी पक्ष समझौते की शर्तों का कितना पालन करते हैं।
8. इजरायल की रणनीति में बदलाव
इजरायल ने पिछले कुछ महीनों में हिजबुल्लाह और हमास के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। इस सीजफायर के बाद यह देखना होगा कि क्या इजरायल अपने सैन्य अभियानों में नरमी लाता है।
9. हिजबुल्लाह की स्थिति
हिजबुल्लाह को लेबनान में मजबूत समर्थन प्राप्त है, लेकिन लगातार हवाई हमलों और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण उसकी स्थिति कमजोर हो रही है। सीजफायर से हिजबुल्लाह को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार का मौका मिलेगा।
10. क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अगला कदम
सीजफायर के बाद अगला महत्वपूर्ण कदम सभी पक्षों के बीच विश्वास बहाली और स्थायी शांति के लिए संवाद को बढ़ावा देना होगा। अमेरिका और अन्य देशों की भूमिका यहां निर्णायक साबित हो सकती है।