Jamshedpur: चुनाव की गहमा-गहमी तेज है और दूसरी ओर तापमान भी सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है. इस गर्मी से राहत पाने के लिए लोग बारिश की कामना करते हुए भोक्ता पूजा का आयोजन कर रहे हैं.
भगवान शिव की इस विशेष पूजा की परंपरा झारखंड में काफी पुरानी है और इसे बड़े अनोखे तरीके से मनाया जाता है. इस पूजा में पुजारी जिन्हें भोक्ता कहा जाता है बांस के सहारे जमीन से 200 फीट की ऊंचाई पर हवा में लटककर अनुष्ठान करते हैं. भीषण गर्मी के चलते जमशेदपुर में वर्षों पुरानी परंपरा के अनुसार भोक्ता पूजा का आयोजन किया गया.
इस अनुष्ठान को पूरा करने के लिए पुजारी जिन्हें भोक्ता कहा जाता है ने अपने शरीर में लोहे के कील की सहायता से जमीन से 200 फीट की ऊंचाई पर जाकर एक बांस के सहारे लटकने का साहसिक कार्य किया. इसके बाद उन्होंने हवा में बांस के सहारे लटकते हुए गोल-गोल घूमकर भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास किया.
Jamshedpur News: पांच दिन के उपवास के बाद होती है भोक्ता पूजा
मान्यता है कि पांच दिन का उपवास करने के बाद जब पुजारी जिन्हें भोक्ता कहा जाता है इस प्रकार हवा में घूमते हैं और अपने कष्ट से भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं तब उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. भगवान भी उनके कष्टों को देखकर अच्छी बारिश प्रदान करके उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. जहाँ एक ओर पूरे शहर में चुनाव का जोश है वहीं लोग उसकी परवाह किए बिना भोक्ता पूजा में तल्लीन हैं.
भोक्ता पूजा के दौरान स्थानीय निवासी जेमनी महतो ने बताया कि यह पूजा पांच दिन के उपवास के बाद की जाती है जिसमें भोक्ता 200 फीट की ऊंचाई पर जाकर भगवान शिव को बारिश के लिए प्रसन्न करते हैं. राकेश दास ने बताया कि यह हमारी परंपरा और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे हम भोक्ता पूजा कहते हैं.