झारखंड के खूंटी जिले में MGNREGA scam के दोषी कनीय अभियंता (जेई) राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई है।
शनिवार को अपर न्यायायुक्त-18 प्रभात कुमार शर्मा की अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए सिन्हा पर सात लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं भरने पर आठ महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सिन्हा, ग्रामीण विकास विभाग के विशेष प्रमंडल में जूनियर इंजीनियर के रूप में कार्यरत था और इस मामले में पहले ही बर्खास्त हो चुका है।
MGNREGA scam: फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों की गबन
प्राथमिकी के अनुसार, राम बिनोद ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए 248 योजनाओं के लिए आवंटित करोड़ों रुपए की राशि का गबन किया। अदालत ने 12 योजनाओं में 88 लाख रुपए की अवैध निकासी के मामले में उसे दोषी ठहराया। आरोप है कि उसने सरकारी धन का दुरुपयोग कर आपराधिक षड्यंत्र के तहत फर्जी चालान के माध्यम से निकासी की।
MGNREGA scam: 14 केस और 14 साल बाद आया फैसला
इस घोटाले से जुड़े 14 केस खूंटी जिले में 2010 में दर्ज हुए थे। बाद में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामले को एसीबी ने अपने हाथ में लिया। 20 जून 2011 को जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल की गई। 18 जून 2020 को ईडी ने फरार आरोपी राम बिनोद को कोलकाता से गिरफ्तार किया।
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आय से अधिक संपत्ति का भी मामला
राम बिनोद, उसकी पत्नी शीला, बेटी पूजा सिन्हा और बेटा राहुल सिन्हा के खिलाफ आय से 679% अधिक संपत्ति रखने का मामला भी दर्ज है।
तीन मामलों में हो चुकी है सजा
राम बिनोद के खिलाफ खूंटी जिले में मनरेगा घोटाले से जुड़े 12 से अधिक मामले दर्ज हैं। अब तक तीन मामलों में उसे सजा सुनाई जा चुकी है। 2011 में जेल भेजे जाने के बाद 2018 में ईडी ने उसे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में भी नामजद किया। गिरफ्तारी के बाद से वह जेल में है।