Jharkhand सरकार अब व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग की जा रही जमीनों पर वाणिज्यिक कर (Commercial Tax) लगाने की योजना बना रही है।
इस संबंध में मंगलवार को राज्य के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुआ ने विधानसभा में जानकारी दी।
राज्य सरकार का मकसद
मंत्री दीपक बिरुआ के अनुसार, झारखंड में बड़ी संख्या में ऐसी भूमि हैं, जिनका उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है, लेकिन उन पर कोई अलग से वाणिज्यिक कर नहीं लगता। सरकार इस दिशा में काम कर रही है ताकि राजस्व संग्रह को बढ़ाया जा सके और राज्य के आर्थिक संसाधनों में वृद्धि हो।
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किन जमीनों पर लगेगा कर?
- औद्योगिक क्षेत्र – जहां बड़े और मध्यम उद्योग संचालित हो रहे हैं।
- वाणिज्यिक संपत्तियां – मॉल, शोरूम, बड़े कॉम्प्लेक्स और होटल आदि।
- संस्थागत भूमि – जहां निजी अस्पताल, स्कूल, कॉलेज या अन्य व्यावसायिक संस्थान चलाए जा रहे हैं।
- अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान – जैसे गोदाम, लॉजिस्टिक हब और मार्केटिंग सेंटर।
क्यों जरूरी है यह कर?
- राज्य को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, जिससे बुनियादी ढांचे को विकसित किया जा सकेगा।
- व्यवसायिक भूमि पर कर लगाने से भूमि उपयोग की स्पष्टता आएगी।
- इससे भूमि पर कब्जे और अनियमितताओं को नियंत्रित किया जा सकेगा।
विपक्ष और व्यापारियों की प्रतिक्रिया
इस प्रस्ताव पर जहां सरकार इसे राजस्व सुधार का कदम बता रही है, वहीं व्यापारिक संगठनों और विपक्षी दलों ने इस कर को लेकर आपत्ति जताई है। व्यापारियों का कहना है कि इससे व्यापार लागत बढ़ेगी, जिससे छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों को नुकसान हो सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस प्रस्ताव को किस तरह से लागू करती है और इससे झारखंड के आर्थिक ढांचे पर क्या प्रभाव पड़ता है।