Jharkhand Budget 2025-26: ग्रामीण विकास पर जोर, 1.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश

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झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये का बजट (Jharkhand Budget) पेश किया, जिसमें ग्रामीण विकास और कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है।

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने विधानसभा में “अबुआ बजट” पेश किया, जो जनता की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। बजट का आकार पिछले वर्ष की तुलना में 13% अधिक है।

Jharkhand Budget: कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार उन्हीं योजनाओं को प्राथमिकता दे रही है, जो सीधे जनता से जुड़ी हैं। बजट में सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण विकास, बुनियादी ढांचे और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।

Jharkhand Budget की मुख्य घोषणाएँ:

सामाजिक सुरक्षा – 22,023 करोड़ रुपये का प्रावधान।
ग्रामीण विकास – 9,000 करोड़ रुपये आवंटित।
मईंया सम्मान योजना – 18-50 वर्ष की महिलाओं को 2,500 रुपये प्रति माह देने के लिए 13,363 करोड़ रुपये का प्रावधान।
वन विभाग – 1,381 करोड़ रुपये का बजट।
नागर विमानन – 115 करोड़ रुपये का प्रावधान।
पथ निर्माण विभाग – 5,900 करोड़ रुपये का आवंटन।
पुरानी पेंशन योजना – पेंशन कोष के लिए 832 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
ग्रामीण कार्य विभाग – 4,576 करोड़ रुपये का बजट।
खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले – 2,863 करोड़ रुपये का आवंटन।
गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग – 9,916 करोड़ रुपये का बजट।
श्रम, नियोजन और कौशल विकास – 1,085 करोड़ रुपये आवंटित।
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग – 3,384 करोड़ रुपये का प्रावधान।
पर्यटन विभाग – 336 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित।
शिक्षा – प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए 15,198 करोड़ रुपये आवंटित।
स्वास्थ्य – 7,470 करोड़ रुपये का प्रावधान, साथ ही रांची में नया मेडिकल कॉलेज और पीपीपी मॉडल पर छह जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का प्रस्ताव।
कृषि बीमा योजना – किसानों को कृषि नुकसान से बचाने के लिए बिरसा कृषि बीमा योजना शुरू की जाएगी।
अबुआ आवास योजना – लाभार्थियों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
जल संसाधन और सिंचाई – पुरानी योजनाओं के पुनरुद्धार और नई योजनाओं के लिए विशेष प्रावधान।

Jharkhand Budget: राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार

वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। दस साल पहले झारखंड की विकास दर 1.1% थी, जो अब बढ़कर 7.5% हो गई है। सरकार ने राजकोषीय घाटे को 3% तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है, जबकि राज्य का सकल कर राजस्व 35,200 करोड़ रुपये अनुमानित है।

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केंद्र सरकार से बकाया राशि की मांग

वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार से झारखंड के 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाये को जल्द जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसे प्राप्त करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।

झारखंड बजट में पर्यटन और आधारभूत ढांचे का विकास

पर्यटन क्षेत्र में नए निवेश और संरचनात्मक सुधारों के लिए 336 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, राज्य में 10 नए फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव रखा गया है, जिससे यातायात व्यवस्था को सुगम बनाया जा सके।

झारखंड के बजट इतिहास में रघुवर दास शीर्ष पर

झारखंड राज्य बनने के बाद सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड रघुवर दास के नाम है। उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में 8 बार बजट पेश किया। इसके बाद रामेश्वर उरांव (5 बार) और मृगेंद्र प्रताप (4 बार) बजट पेश कर चुके हैं। हेमंत सोरेन ने भी 2011-12 और 2012-13 में प्रभारी वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया था।

“जनहितकारी और विकासोन्मुख बजट”

वित्त मंत्री ने बजट को “जनहितकारी और विकासोन्मुख” बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट झारखंड की जनता की जरूरतों को पूरा करने और राज्य के समग्र विकास को बढ़ावा देने में सहायक होगा।

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