Ranchi: बरहेट विधानसभा सीट Jharkhand की वीवीआईपी सीटों में गिनी जाती है, जहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव लड़ते रहे हैं।
जेएमएम के गढ़ में भाजपा की चुनौती, गमालियल हेम्ब्रम को मिला टिकट
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का यह क्षेत्रीय गढ़ माने जाने वाला क्षेत्र है, और 2014 से इस सीट पर हेमंत सोरेन का मजबूत कब्जा रहा है। इस बार भाजपा ने इस चुनौतीपूर्ण सीट पर गमालियल हेम्ब्रम को उम्मीदवार बनाया है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर गमालियल, जो 5 साल पहले टीचर की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे, अब भाजपा के टिकट पर हेमंत सोरेन को चुनौती देंगे।
बरहेट सीट का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। 1957 से 1962 तक यहां बाबूलाल टुडू ने झारखंड पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की, जबकि 1967 और 1972 में मसीह सोरेन ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर परमेश्वर हेम्ब्रम, 1980 और 1985 में कांग्रेस के थॉमस हांसदा और 1990, 1995, 2000 और 2009 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमलाल मुर्मू ने जीत दर्ज की।
2014 और 2019 में हेमंत सोरेन ने इस सीट पर जेएमएम के लिए विजय का परचम लहराया।
हेमंत सोरेन का किला बरकरार रहेगा या गमालियल देंगे कड़ी टक्कर
गमालियल हेम्ब्रम 2019 में भी हेमंत सोरेन के खिलाफ एजेएसयू पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उस समय उनका प्रदर्शन साधारण रहा, और उन्हें मात्र 2,573 वोट मिले थे, जबकि हेमंत सोरेन को 73,725 वोटों से भारी जीत मिली थी। बरहेट सीट पर हेमंत सोरेन का प्रभाव काफी मजबूत है, पर इस बार भाजपा का गमालियल हेम्ब्रम को उम्मीदवार बनाने का कदम सीट पर दिलचस्प मुकाबले की संभावना पैदा कर रहा है।
इस बार बरहेट सीट पर जीत हासिल करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि यह जेएमएम का पारंपरिक किला माना जाता है। भाजपा की यह रणनीति इस बार के चुनावी माहौल को और रोचक बना रही है, जहां गमालियल हेम्ब्रम एक बार फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे हैं।