झारखंड चुनाव 2024 में एक नए ‘टाइगर’ का नाम तेजी से उभर रहा है। ये हैं झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के नेता Jairam Mahto, जो अपने समर्थकों के बीच ‘टाइगर जयराम महतो’ के नाम से जाने जाते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता चंपाई सोरेन को ‘कोल्हान टाइगर’ कहा जाता है, और अब Jairam Mahto को इसी कड़ी में राज्य का नया ‘टाइगर’ कहा जा रहा है।
कौन हैं ‘टाइगर’ Jairam Mahto?
धनबाद से ताल्लुक रखने वाले जयराम महतो का नाम तब सुर्खियों में आया जब उन्होंने 2022 में भोजपुरी और मगही को झारखंड की क्षेत्रीय भाषाओं का दर्जा देने के विरोध में ‘झारखंड भाषा आंदोलन’ शुरू किया। इस आंदोलन से उनकी लोकप्रियता धनबाद और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ी। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें गिरिडीह सीट पर 3,47,322 वोट मिले, जिससे उनका प्रभाव स्पष्ट हुआ।
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JLKM की बढ़ती पकड़: 69 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी
2024 के लोकसभा चुनावों में जयराम महतो ने JLKM नाम की पार्टी बनाई और 8 सीटों पर प्रत्याशी उतारे। विधानसभा चुनाव में वह खुद डुमरी और बेरमो से लड़ रहे हैं, और उनकी पार्टी 81 में से 69 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है। उनके समर्थक बारिश में भी उन्हें सुनने के लिए तैयार रहते हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता का स्तर समझा जा सकता है।
Jairam Mahto कुर्मी जाति के नेता के रूप में पहचान
कुर्मी जाति से संबंध रखने वाले जयराम महतो को इस बार कुर्मी समुदाय का समर्थन भी मिल रहा है। राज्य की कुल आबादी में कुर्मियों की संख्या लगभग 15% है। कई समर्थक उन्हें झारखंड के नेता के रूप में देख रहे हैं और उन्हें मौका देने की बात कर रहे हैं।
सभी समुदायों का समर्थन पाने का दावा
हालांकि, जयराम महतो का दावा है कि उन्हें सिर्फ कुर्मियों का ही नहीं बल्कि सभी समुदायों का समर्थन मिल रहा है। उनके मुताबिक, JLKM का उद्देश्य एनडीए या इंडिया ब्लॉक के खिलाफ एक नया विकल्प प्रस्तुत करना है, और वह झारखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बीजेपी गठबंधन के लिए चुनौती
जयराम महतो की पार्टी JLKM एनडीए के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी AJSU के नेता सुदेश महतो के वोट बैंक में भी JLKM सेंध लगा सकती है। वहीं, प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता का कहना है कि जयराम महतो जाति के आधार पर लोगों को बांटने की राजनीति कर रहे हैं, जो सफल नहीं होगी।
हेमंत सोरेन का झटका
हाल ही में JLKM के मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले अकील अख्तर उर्फ रिजवान क्रांतिकारी ने हेमंत सोरेन की पार्टी JMM का दामन थाम लिया, जो JLKM के लिए एक झटका माना जा रहा है।
जनता के समर्थन का दावा
जयराम महतो का कहना है कि वे चुनावी राजनीति में नए हैं लेकिन उन्हें जनता का समर्थन प्राप्त है। उनका दावा है, “सभी लोग हमें निशाना बना रहे हैं। उनके पास सत्ता और पैसा है, लेकिन हमें जनता का समर्थन है। हम डरने वाले नहीं हैं और न ही कोई हमें रोक सकता है।”
इस चुनाव में जयराम महतो की यह नई चुनौती झारखंड की राजनीति में क्या असर डालेगी, यह देखने की बात होगी।