Jharkhand Liquor Scam: झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने अपनी जांच की रफ्तार बढ़ा दी है. इस मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के करीबी माने जाने वाले ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय कुमार सिंह के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
एसीबी के मुताबिक, दो बार नोटिस दिए जाने के बावजूद विनय सिंह पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए. इसी आधार पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है.
विनय सिंह ने गिरफ्तारी से बचने के लिए रांची स्थित एसीबी की विशेष अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. इस याचिका पर 10 जून को आंशिक सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने एसीबी से केस डायरी पेश करने को कहा है. अगली सुनवाई की तारीख 20 जून तय की गई है.
एसीबी का आरोप है कि विनय सिंह ने विनय चौबे का अवैध पैसा अपनी कंपनी नेक्सजेन में निवेश किया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में पता चला है कि नेक्सजेन कंपनी ने 2017 से 2023 के बीच चौबे की पत्नी स्वप्ना संचिता को सलाहकार के तौर पर 1.26 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
एसीबी ने घोटाले से जुड़े तीन अन्य आरोपियों महाप्रबंधक (वित्त) सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक (वित्त) सुधीर कुमार और मार्शन कंपनी के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को 12 जून से दो दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।उन्हें 14 जून को विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. फिलहाल कोर्ट ने चार दिन की जगह दो दिन की रिमांड की इजाजत दी है.
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वहीं, निलंबित आईएएस विनय चौबे के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में एसीबी भी समानांतर जांच कर रही है. चौबे की वैध आय और संपत्ति का तुलनात्मक विश्लेषण किया जा रहा है. रजिस्ट्री कार्यालय से उनकी अचल संपत्तियों का ब्योरा मिल गया है। प्रारंभिक जांच में शेल कंपनियों में निवेश और विनय सिंह की कंपनी के साथ वित्तीय लेनदेन के सबूत भी सामने आए हैं।
इस पूरे मामले में एसीबी की जांच और कार्रवाई को राज्य में उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम माना जा रहा है.