Bokaro News: खबर बोकारो से हैं जहां मोटर वाहन अधिनियम और सड़क परिवहन मंत्रालय के नियमों का सीधा उल्लंघन देखने को मिला हैं। जिसमें 15 साल या उससे अधिक पुरानी बसों में स्कूली बच्चों को ले जाने पर प्रतिबंध है।
शहर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान सेक्टर 12 , सेक्टर 4,सेक्टर 5 और चास के भी पब्लिक स्कूल भी ऐसे हैं जो जांच के दायरे में आ सकते हैं जो अपने छात्रों के परिवहन के लिए 19 साल पुरानी स्कूल बसों का उपयोग कर रहे हैं। साथ ही बोकारो जिले के और भी विद्यालय भी ऐसे हैं जहां अगर जांच किया जाय तो लगभग विद्यालय इस तरह के अधिनियम के उल्लंघन के दायरे में आ सकते है
यह न केवल बच्चों की सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ है, बल्कि मोटर वाहन अधिनियम और सड़क परिवहन मंत्रालय के नियमों का सीधा उल्लंघन भी है। जिसमें 15 एवं उससे अधिक साल पुरानी बसों में स्कूली बच्चों को ढोने पर पाबंदी है ।
सरकारी नियमों के अनुसार, स्कूल में बसों की परिचालन की अधिकतम आयु सीमा पहले 10 वर्ष थी, जिसे बढ़ाकर 15 वर्ष कर दिया गया है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत स्कूल बसों को सुरक्षा मानकों जैसे कि फिटनेस सर्टिफिकेट, फायर सेफ्टी उपकरण, स्पीड गवर्नर, सीसीटीवी और जीपीएस आदि से लैस होना अनिवार्य है।
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इस संबंध में जब स्कूल के प्रिंसिपल से संपर्क किया गया तो वे कोई भी जानकारी देने से बचते दिखे। इस संबंध में जब जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक यह मामला हमारी जानकारी में नहीं था। अगर 19 साल पुरानी बसें चलाई जा रही हैं, तो यह साफ़ तौर पर नियमों के ख़िलाफ़ है। हम जल्द ही इसकी जाँच करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। इस मामले को लेकर अभिभावकों में रोष है। उनका कहना है कि स्कूल प्रशासन को बच्चों की सुरक्षा से समझौता करने का कोई अधिकार नहीं है।