Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने Pope Francis के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक आध्यात्मिक, सरल और करुणामयी नेता बताया है।
Deeply saddened to hear of the death of His Holiness Pope Francis. His life was a testament to compassion, hope and humility.
May his soul rest in eternal peace. pic.twitter.com/qP3MHEkDWx— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) April 21, 2025
अपने शोक संदेश में सीएम सोरेन ने कहा कि पोप फ्रांसिस का जीवन मानवता, प्रेम और सेवा की मिसाल था। वे न केवल करोड़ों कैथोलिकों के धर्मगुरु थे, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक नैतिक मार्गदर्शक भी थे।
Pope Francis करुणा और सहिष्णुता के प्रतीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि पोप फ्रांसिस ने अपने पूरे जीवन में करुणा, सहिष्णुता और सामाजिक न्याय के मूल्यों को प्राथमिकता दी। उन्होंने हमेशा पीड़ितों, वंचितों और समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के अधिकारों की बात की। चाहे जलवायु परिवर्तन का मुद्दा हो या गरीबी से लड़ाई – पोप फ्रांसिस की सोच हमेशा समावेशी और मानवीय रही।
सीएम सोरेन ने आगे कहा कि पोप फ्रांसिस का जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्चा नेतृत्व केवल ताकत में नहीं, बल्कि विनम्रता और सेवा में होता है। उनके शब्द और कार्य दुनियाभर के नेताओं के लिए प्रेरणा हैं।
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झारखंड से खास जुड़ाव
हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि पोप फ्रांसिस का झारखंड से भी विशेष लगाव रहा है। उन्होंने आदिवासी समुदायों और मूलवासियों के अधिकारों पर हमेशा खुलकर बात की। झारखंड जैसे राज्य में, जहां आदिवासी संस्कृति और पहचान महत्वपूर्ण है, पोप फ्रांसिस की आवाज ने कई लोगों को साहस और उम्मीद दी थी।
मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता की ओर से भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि झारखंड पोप फ्रांसिस की मानवता के प्रति निष्ठा को हमेशा याद रखेगा।
Pope Francis News: विश्व ने खोया एक महान संत
पोप फ्रांसिस का निधन केवल ईसाई समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने कार्यकाल में धार्मिक एकता, वैश्विक शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए जो प्रयास किए, वे इतिहास में हमेशा याद रखे जाएंगे। उनके शब्दों में जो संवेदना थी, वह दिलों को छूती थी। उन्होंने दुनिया को यह सिखाया कि कैसे धर्म के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
युगांतकारी व्यक्तित्व की विदाई
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की श्रद्धांजलि में न केवल भावनात्मक लगाव है, बल्कि एक गहरी संवेदनशीलता भी झलकती है। पोप फ्रांसिस की विरासत आने वाली पीढ़ियों को करुणा, विनम्रता और सेवा की राह दिखाएगी। उनका जीवन और विचारधारा दुनिया के लिए प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे। उनके निधन से जो खालीपन पैदा हुआ है, उसे भर पाना आसान नहीं होगा।