Dhanbad News: खबर धनबाद से हैं जहां झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन (JITA) अध्यक्ष अमितेश सहाय एवं महासचिव राजीव शर्मा ने संयुक्त रूप से कोलफील्ड क्षेत्र के MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) के हितधारकों की ओर से कोयले से बने हार्ड कोक, ब्रिकेट और सॉफ्ट कोक पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में प्रस्तावित वृद्धि पर गंभीर चिंता जताई है।
उन्होंने देश की माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में कोयला क्षेत्र में लगभग 125 कोकर एवं सॉफ्ट कोक प्लांट हैं, जिनमें से अधिकांश का संचालन एमएसएमई इकाइयों द्वारा किया जा रहा है. ये इकाइयाँ लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करती हैं और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
जैसा कि ज्ञात है, एमएसएमई इकाइयां पहले से ही कई स्तरों पर समस्याओं का सामना कर रही हैं – जिसमें बढ़ती लागत, जटिल अनुपालन प्रक्रियाएं, कच्चे माल की उपलब्धता, बाजार में अस्थिरता और वित्तीय बाधाएं शामिल हैं। ऐसे महत्वपूर्ण समय में जीएसटी दर को मौजूदा 5% से ऊपर बढ़ाने से इन छोटे उद्योगों पर असहनीय बोझ पड़ेगा, जिससे कई इकाइयां बंद होने की कगार पर आ जाएंगी।
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यदि जीएसटी दर बढ़ाई जाती है, तो इससे बड़े पैमाने पर संयंत्र बंद हो जाएंगे और हजारों श्रमिकों और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों की आजीविका प्रभावित होगी और क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। वर्तमान दर को बनाए रखने से न केवल छोटे उद्योगों का अस्तित्व सुनिश्चित होगा बल्कि रोजगार, “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” के लक्ष्य भी मजबूत होंगे।