Latehar: लातेहार पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान के तहत शनिवार की सुबह एक बड़ी सफलता मिली है। लातेहार सदर थाना क्षेत्र के इचाबार जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो इनामी नक्सली मारे गए, जबकि एक घायल हो गया। घायल नक्सली को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स रेफर कर दिया गया है।
शनिवार को पुलिस अधीक्षक सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में आईजी सुनील भास्कर, डीआईजी वाईएस रमेश और लातेहार एसपी कुमार गौरव ने संयुक्त रूप से इस अभियान की जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मारे गए नक्सलियों में झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) का सुप्रीमो पप्पू लोहरा और सब जोनल कमांडर प्रभात गंझू शामिल हैं।
पप्पू लोहरा लातेहार थाना क्षेत्र के लुंडी कोने गांव का रहने वाला था और उस पर ₹10 लाख का इनाम घोषित था। वहीं प्रभात गंझू, बालूमाथ थाना क्षेत्र के डोकर गांव का निवासी था, जिस पर ₹5 लाख का इनाम था।
मुठभेड़ में घायल नक्सली की पहचान आशीष कुमार के रूप में हुई है, जो कोठिल गांव (लातेहार) का निवासी है। इसके साथ ही इस अभियान में अवध सिंह नामक एक पुलिस जवान भी घायल हुए, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए रिम्स भेजा गया है।
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि जेजेएमपी के कई नक्सली लातेहार और लोहरदगा जिले की सीमा पर इचाबार जंगल में एकत्रित हैं। इस सूचना पर एसपी कुमार गौरव के नेतृत्व में एक विशेष छापामारी टीम का गठन किया गया। टीम ने जंगल में पहुंचते ही नक्सलियों को घेरे में लिया। खुद को घिरा देखकर नक्सलियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दो नक्सली मौके पर ही ढेर हो गए, जबकि एक घायल हो गया।
मुठभेड़ के बाद पुलिस द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन में एक राइफल, 20 जिंदा कारतूस सहित कई अन्य सामान बरामद किए गए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, पप्पू लोहरा पर राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 98 से अधिक नक्सली घटनाओं के मामले दर्ज हैं, जिनमें सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार की हत्या का मामला भी शामिल है। वहीं प्रभात गंझू पर 15 से अधिक गंभीर नक्सली मामलों में प्राथमिकी दर्ज है।
पुलिस ने अन्य नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने और आत्मसमर्पण करने की अपील की है। अधिकारियों ने सख्त लहजे में कहा कि नक्सलवाद का रास्ता छोड़ना ही उनके लिए एकमात्र सुरक्षित विकल्प है, अन्यथा कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।