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Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक देव की 566वीं जयंती पर निरसा में निकाली गई प्रभातफेरी

On: November 3, 2025 12:47 PM
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Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक देव की 566वीं जयंती पर निरसा में निकाली गई प्रभातफेरी
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Guru Nanak Jayanti 2025: सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती के अवसर पर निरसा समूह संगत द्वारा सिख समुदाय की ओर से एक भव्य प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। निरसा का पूरा चौक-चौराहा “वाहे गुरु” के जयकारों और शबद कीर्तन से गूंज उठा। सभी आयु वर्ग के श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

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सिख संगत निरसा गुरुद्वारे में एकत्रित हुई और हाथों में निशान साहिब लेकर प्रभात फेरी शुरू की। प्रभात फेरी निरसा गुरुद्वारे से निरसा कांटा तक गई और फिर गुरुद्वारे में वापस लौटी। समूह संगत गुरुद्वारे पहुँची, जहाँ श्रद्धालुओं ने शीश नवाया और गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को याद किया। पूरे रास्ते श्रद्धालुओं ने गुरु के वचनों का जाप किया और “सतनाम वाहे गुरु” का जाप किया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।

निरसा गुरुद्वारा परिसर पहुँचने पर अखंड पाठ साहिब का आरंभ हुआ और संगत ने गुरु के वचनों का आनंद लिया। उन्होंने गुरु नानक देव की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।

ध्यान रहे कि प्रकाश पर्व हर साल कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है और इस साल यह 5 तारीख को मनाया जाएगा, क्योंकि इसी दिन गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। प्रकाश पर्व केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि गुरु के समानता, सेवा और सत्य के आदर्शों पर चलने का संकल्प है।

गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्य सुखदेव सिंह ने बताया कि प्रभात फेरी का उद्देश्य समाज में प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश फैलाना है। गुरु नानक देव ने अपने जीवन में जातिवाद, भेदभाव और अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने “निरंकार ईश्वर एक है” का संदेश दिया और “नाम जपो, कीर्तन करो, वंड छको” (नाम जपो, गाओ और बोलो) के सिद्धांत को जीवन का आधार बताया।

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निरसा में सिख समुदाय की यह प्रभात फेरी न केवल भक्ति का प्रदर्शन, बल्कि सामाजिक सद्भाव और सद्भावना का जीवंत उदाहरण बन गई। जैसे-जैसे प्रभात फेरी आगे बढ़ी, निरसा की सड़कों पर भक्ति, संगीत और मानवता का अनूठा संगम देखने को मिला।

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