Dhanbad News: IIT (ISM) Dhanbad के खनन इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डी. पी. मिश्रा ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर संस्थान का नाम रोशन किया है। प्रोफेसर मिश्रा ने सीएमपीडीआई (केंद्रीय खान योजना एवं डिजाइन संस्थान), कोयला मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित दो अलग-अलग हैकथॉन में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।

प्रो. मिश्रा ने टीसीएस रिसर्च, कोलकाता के सहयोग से आयोजित अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) – 2025 पर हैकथॉन में प्रथम उपविजेता स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता का विषय था “भूमिगत कोयला खदानों में सतत निगरानी हेतु एक स्वदेशी मल्टी-गैस डिटेक्टर का विकास” टीम द्वारा प्रस्तुत समाधान “एआई-सक्षम फोटो-एकॉस्टिक स्पेक्ट्रोस्कोपी आधारित मल्टी-गैस डिटेक्टर” था, जो कोयला खदानों में कार्यरत मजदूरों की सुरक्षा बढ़ाने और खदानों की परिचालन क्षमता को सुधारने में मदद करेगा। यह तकनीक खदानों में मौजूद विभिन्न गैसों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग करने में सक्षम है।
टीसीएस रिसर्च, कोलकाता की टीम, जिसमें डॉ. अभिजीत गोरे, श्री चिरब्रत भौमिक और डॉ. सुभाश्री चटर्जी शामिल थे, ने प्रोफेसर मिश्रा के सहयोग से इस अभिनव परियोजना का विकास किया। इसके अतिरिक्त, प्रो. मिश्रा को कार्बन कैप्चर टेक्नोलॉजी – 2025 पर हैकथॉन में दूसरा रनर-अप स्थान भी मिला। इस प्रतियोगिता का विषय था “भारत के कोयला क्षेत्रों में कैप्चर किए गए CO₂ के भू-भंडारण की क्षमता।”
उनकी टीम का प्रस्ताव झरिया कोलफील्ड के छोड़े गए और अनमाइनेबल (अखनन योग्य) कोयला सीमों में CO₂ को सुरक्षित रूप से स्टोर करने की संभावनाओं पर केंद्रित था, जो भारत के नेट-जीरो लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
पुरस्कार वितरण समारोह 4 सितंबर 2025 को होटल ट्राइडेंट, मुंबई में आयोजित किया गया, जिसमें माननीय कोयला एवं खनन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और माननीय राज्य मंत्री श्री एस. सी. दुबे ने पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर कोयला मंत्रालय, कोल इंडिया लिमिटेड और सीएमपीडीआई के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
प्रो. मिश्रा का शोध कार्य माइनिंग इंजीनियरिंग के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करता है, जैसे—माइन वेंटिलेशन और पर्यावरण, कोयला खदानों में आग और विस्फोट, स्पॉन्टेनियस कंबशन (स्वतः दहन), सीएफडी तकनीक का उपयोग, फ्लाई ऐश से बैकफिलिंग और स्टोइंग, और रेडिएशन एवं रैडॉन अध्ययन। उन्होंने कई राष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व किया है और कई शोधार्थियों को मार्गदर्शन दिया है।
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प्रो. मिश्रा का नाम स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में 2021 से लगातार शामिल है। वे जर्नल ऑफ सस्टेनेबल माइनिंग के एडिटोरियल बोर्ड के सदस्य भी हैं। उन्होंने विभागाध्यक्ष और कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन जैसे माइन वेंटिलेशन एंड एनवायरनमेंट फॉर ग्रीन माइनिंग (MVEGM–2024), पुरी (ओडिशा) के चेयरमैन के रूप में भी उत्कृष्ट नेतृत्व किया है।
प्रो. मिश्रा की यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत समर्पण और शोध क्षमताओं को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि IIT (ISM) Dhanbad भारत में खनन और सतत ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।





