Ranchi News: झारखंड चंपाई सोरेन के चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को कथित तौर पर एचआईवी (HIV) संक्रमित खून चढ़ाए जाने के जघन्य मामले पर सियासी पारा चढ़ गया है। हेमंत सोरेन सरकार द्वारा पीड़ित परिवारों को 2-2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा के बाद, पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सरकार पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए कहा कि यह मुआवजा “इंसानियत का मजाक” है।

“2 लाख मुआवजा, जिंदगी की कीमत?”
Champai Soren एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और अपने सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से हेमंत सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “कुछ तो शर्म करो! जिन बच्चों को अस्पताल की लापरवाही से जिंदगी भर के लिए एक लाइलाज बीमारी मिल गई, उनकी जिंदगी की कीमत सरकार 2-2 लाख रुपये लगा रही है। “उन्होंने मुआवजे की इस राशि को “न्याय की मूल अवधारणा का मजाक” और “इंसानियत का अपमान” करार दिया। सोरेन ने सीधे तौर पर राज्य सरकार पर इस गंभीर लापरवाही की लीपापोती करने का आरोप लगाया।
1 करोड़ रुपये के मुआवजे और इस्तीफे की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की है कि सरकार को इस “अपराध” की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही के कारण हुई इस घटना के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। चंपाई सोरेन ने पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों के लिए कम से कम 1-1 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है, ताकि उन्हें इलाज और भविष्य के जीवन में कुछ सहायता मिल सके। उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच की भी मांग की, ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।
विपक्ष ने घेरा सरकार को
यह मामला सामने आने के बाद से ही विपक्षी दल हेमंत सोरेन सरकार को घेर रहे हैं। भाजपा समेत अन्य विपक्षी दलों ने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और प्रशासनिक उदासीनता को लेकर सरकार पर लगातार हमले किए हैं। चाईबासा घटना को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाली सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।





