Koderma: जब एक ओर देश विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है, वहीं दूसरी ओर झारखंड के कोडरमा जिले में अंधविश्वास का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कोडरमा थाना क्षेत्र के चांदेडीह गांव में भूत-प्रेत और तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक मासूम की मौत के बाद एक परिवार पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं, जिससे उनका अपने ही गांव में रहना मुश्किल हो गया है।
दरअसल, 18 मई को गांव में एक चार वर्षीय बच्चा संदिग्ध हालात में गड्ढे में गिरकर मौत का शिकार हो गया। परिवार ने इसे हादसा मानते हुए शव को दफना दिया। लेकिन तीन दिन बाद गांव में यह अफवाह फैलने लगी कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि एक ‘हत्या’ है। इसके बाद गांव में पंचायत बुलाई गई और इस घटना को तंत्र-मंत्र और आत्मा प्रवेश से जोड़कर देखा जाने लगा।
पंचायत में मौजूद दो तथाकथित भगतों ने दावा किया कि यह मौत इंद्रदेव साव की 11 साल पहले मृत मां की आत्मा के कारण हुई है, जिसने मृतक बच्चे की मां के शरीर में प्रवेश कर उसे धक्का दिया। इस दावे के बाद इंद्रदेव साव और उसके परिवार को गांव से बाहर निकलना पड़ा। उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इंद्रदेव ने अपने बच्चों को कहीं छिपा दिया है और खुद अपनी पत्नी के साथ शरण लिए हुए हैं।
इंद्रदेव साव का कहना है कि यह सब एक सोची-समझी साजिश है, जबकि मृतक बच्चे के चाचा पवन यादव का आरोप है कि यह मामला एक पुराने जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है। उनका आरोप है कि इंद्रदेव ने साजिश के तहत उनके भतीजे की हत्या कर दी और अब बचाव के लिए अंधविश्वास का सहारा ले रहा है।
इस पूरे मामले में अब पुलिस ने हस्तक्षेप किया है। कोडरमा के एसपी अनुदीप सिंह ने थाना प्रभारी को निर्देश दिया है कि इस घटना में संलिप्त सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक करने वाले तथाकथित भगतों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Also Read:
यह मामला एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करता है कि समाज का एक बड़ा तबका आज भी अंधविश्वास के दलदल में फंसा हुआ है, और ऐसे अंधविश्वास लोगों की जान व सामाजिक शांति दोनों के लिए खतरा बन सकते हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस जांच में सच्चाई क्या निकलती है—यह वाकई आत्मा का खेल था या एक गहरी साजिश।