झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल सात नेताओं को छह वर्षों के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है।
केंद्रीय सदस्य अशोक कुमार मंडल, बाघमारा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष अजमुल अंसारी और सपन मोदक को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए पत्र जारी किया।
खूंटी से आलोक रितेश डुंगडुंग और सिमडेगा से रोजालिया शांता कंडूलना को भी इसी तरह पार्टी से निकाला गया है, जबकि रांची के नामकुम से प्रखंड अध्यक्ष बिरीस मिंज और पलामू के पिछड़ा मोर्चा के जिलाध्यक्ष ललन चौधरी को भी पार्टी पदों से हटाकर निष्कासित किया गया है।
हेमंत सोरेन के हेलीकॉप्टर को रोकने पर JMM का विरोध
JMM के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हेलीकॉप्टर को लगभग डेढ़ घंटे तक रोके जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा का बहाना बनाकर सोरेन के हेलीकॉप्टर को उड़ान नहीं भरने दी गई, जबकि नियमों के अनुसार उनके हेलीकॉप्टर को निर्धारित सीमा से बाहर उड़ान भरने की अनुमति थी। सुप्रियो ने इसे हेमंत सोरेन की सुरक्षा से खिलवाड़ बताया और आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया।
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उन्होंने इस घटना को जनता की पहुंच से हेमंत सोरेन को दूर करने की साजिश करार दिया। उनका कहना है कि हेमंत सोरेन की सुरक्षा को खतरे में डाला गया, क्योंकि उन्हें ऐसे क्षेत्र में रोका गया जहां संचार की कोई सुविधा नहीं थी। JMM का मानना है कि चुनाव आयोग और भाजपा के बीच घनिष्ठ संबंध हैं।
उन्होंने कहा कि JMM ने त्योहारों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तिथियों को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया, जबकि उत्तर प्रदेश में कार्तिक पूर्णिमा के चलते उपचुनाव की तिथि बढ़ा दी गई।
धार्मिक बयानबाजी पर JMM की नाराजगी
सुप्रियो भट्टाचार्य ने झारखंड में भाजपा नेताओं की ओर से दिए गए धार्मिक बयानों पर भी चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि छठ पर्व के दौरान बड़ी संख्या में लोग राज्य से बाहर होते हैं और 12-13 नवंबर को वापस लौटेंगे। चुनाव की तिथियां ऐसी हैं कि इससे इन लोगों के मताधिकार से वंचित होने की संभावना है। उनका आरोप है कि भाजपा की रणनीति है कि किसी तरह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनाव प्रचार से रोका जाए।