JSSC CGL Paper Leak: झारखंड में जेएसएससी (झारखंड कर्मचारी चयन आयोग) सीजीएल परीक्षा में कथित पेपर लीक को लेकर छात्रों का आक्रोश सड़कों पर दिखाई दिया।
इस विवादास्पद मामले में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई। वहीं, झारखंड लेबर किसान मोर्चा (JLKM) के नेता देवेंद्रनाथ महतो को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
JSSC CGL Paper Leak का आरोप और छात्रों का गुस्सा
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में कथित पेपर लीक की खबरों ने छात्रों के बीच गुस्से की लहर पैदा कर दी। परीक्षा देने वाले हजारों छात्रों ने इसे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया। आरोप है कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव था और पेपर लीक होने से प्रतियोगिता का स्तर प्रभावित हुआ। छात्रों ने परीक्षा को रद्द करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
JSSC CGL Paper Leak: विरोध प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई
छात्रों ने रांची में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने परीक्षा प्रणाली में सुधार की मांग की और दोषियों को जल्द सजा देने की बात कही। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्रों को चोटें आईं। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की, जिसके कारण यह कदम उठाना पड़ा।
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JLKM नेता देवेंद्रनाथ महतो की गिरफ्तारी
इस विरोध प्रदर्शन में झारखंड लेबर किसान मोर्चा (JLKM) के नेता देवेंद्रनाथ महतो भी शामिल थे। उन्होंने छात्रों का समर्थन करते हुए सरकार और जेएसएससी पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि यह घटना राज्य सरकार और प्रशासन की नाकामी को दर्शाती है।
पुलिस ने देवेंद्रनाथ महतो को हिरासत में ले लिया, यह आरोप लगाते हुए कि उन्होंने प्रदर्शन को भड़काने में भूमिका निभाई। महतो की गिरफ्तारी ने राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है। उनके समर्थकों ने इस कदम को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना पर विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। भाजपा सहित अन्य विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने पुलिस कार्रवाई को अनुचित बताते हुए इसकी निंदा की।
दूसरी ओर, सरकार ने इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच जारी है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
छात्रों का भविष्य अधर में
इस घटना ने न केवल छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर भी गंभीर चर्चा शुरू कर दी है। पेपर लीक की घटनाएं छात्रों की मेहनत को कमजोर करती हैं और उनकी भरोसेमंद परीक्षा प्रणाली पर चोट पहुंचाती हैं।