Ranchi: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 31 जनवरी को जेल जाने के बाद उनकी पत्नी Kalpana Soren ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा.
हालांकि वह फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा में किसी ओहदे पर नहीं हैं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में अपनी पार्टी और ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से राज्य में सबसे बड़ी स्टार प्रचारक के रूप में उभरकर सभी का ध्यान आकर्षित किया.
Kalpana Soren ने कुल 353 छोटी-बड़ी सभाएं कीं
झामुमो के प्रवक्ता और कल्पना सोरेन के मीडिया एडवाइजर डॉ. तनुज खत्री के अनुसार चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कुल 353 छोटी-बड़ी सभाएं कीं और राज्य के विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में 51 बड़ी रैलियों में भाग लिया. इसके अलावा उन्होंने दिल्ली और मुंबई में ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से आयोजित साझा रैलियों में झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रतिनिधित्व किया.
21 अप्रैल को रांची में ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से आयोजित एक बड़ी रैली के बाद कल्पना सोरेन राज्य में गठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा बन गईं.
Kalpana Soren ने अपने क्षेत्र में 300 से अधिक छोटी-बड़ी सभाएं और बैठकें की
कल्पना सोरेन ने गिरिडीह जिले के गांडेय विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में प्रत्याशी के रूप में भाग लिया और इस दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र में 300 से अधिक छोटी-बड़ी सभाएं और बैठकें की. राजनीति में उनकी औपचारिक एंट्री चार मार्च को झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थापना दिवस पर आयोजित रैली के साथ हुई. इसके 12 दिनों बाद जब लोकसभा चुनाव और गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई तो उन्होंने पार्टी और गठबंधन की ओर से प्रचार अभियान की बागडोर संभाली.
Kalpana Soren ने करीब ढाई महीने के भीतर राज्य का कोना-कोना छान मारा
कल्पना सोरेन की इस नई भूमिका ने न केवल झारखंड मुक्ति मोर्चा को मजबूती दी है बल्कि राज्य की राजनीति में भी एक नया अध्याय जोड़ दिया है. उनकी सक्रियता और जोश ने पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में नई ऊर्जा का संचार किया है. कल्पना सोरेन ने झारखंड के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में व्यापक जनसभाएं कीं और करीब ढाई महीने के भीतर राज्य का कोना-कोना छान मारा. पार्टी ने उन्हें हेलीकॉप्टर मुहैया कराया जिससे वे एक दिन में तीन-चार रैलियों में शामिल हो सकीं.
झामुमो के प्रवक्ता डॉ. तनुज खत्री ने कहा “कल्पना जी को चुनावी रैलियों, जनसभाओं और जनसंपर्क के दौरान हर तबके के लोगों का जिस तरह का समर्थन मिला वह अकल्पनीय है. उनकी हर सभा में भीड़ मंच तक पहुंचती रही. उन्हें सुनने के लिए लोग घंटों इंतजार करते रहे. महिलाओं और युवाओं से उन्होंने हर सभा में सीधा संवाद किया और हमें उम्मीद है कि उनकी अथक मेहनत का नतीजा 4 जून को चुनावी नतीजों में दिखेगा.”
अपने भाषणों में केंद्र सरकार और भाजपा को भी निशाना बनाया
चुनावी जनसभाओं में कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया. उन्होंने आदिवासियों महिलाओं और युवाओं के लिए सरकार के कामकाज का ब्योरा अपने अंदाज में प्रस्तुत किया. साथ ही अपने भाषणों में केंद्र सरकार और भाजपा को भी निशाना बनाया.
कल्पना सोरेन की इस सक्रियता ने न केवल झामुमो को एक नया चेहरा और ऊर्जा दी है बल्कि झारखंड की राजनीति में भी उनकी मजबूत उपस्थिति को स्थापित किया है. उनके प्रयासों से पार्टी को न केवल प्रचार में बढ़त मिली बल्कि जनता से गहरा जुड़ाव भी स्थापित हुआ.