पूर्णिया कार्यालय प्रतिनिधि अंतरजातीय विवाह के बाद पत्नी की हत्या के जुर्म में Lalu Yadav को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है.
विशेष न्यायाधीश सह प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार सिंह ने गुरुवार को यह सजा सुनाई. दोषी युवक ब्रजेश नगर वार्ड नं. सात का निवासी है.
यह है मामला
अदालत ने सजा सुनाने के बाद लालू यादव को सेंट्रल जेल भेज दिया. मामले में विशेष लोक अभियोजक अरुण पासवान ने बताया कि कोर्ट में इस केस के तहत आठ लोगों की गवाही रिकॉर्ड की गई. कोर्ट ने युवक को अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया और 10 साल जेल की सजा दी.
Lalu Yadav News: प्राथमिकी एवं घटना का घटनाक्रम
मृतका सुमन कुमारी जो माता स्थान न्यू सिपाही टोला की निवासी थी के भाई नितीश कुमार ने इस मामले को लेकर केहाट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. नितीश कुमार का कहना था कि उसकी बहन की शादी साल 2020 में लालू यादव के साथ हुई थी और शुरू में सब कुछ ठीक चल रहा था. लेकिन पिछले तीन-चार महीनों से लालू यादव और उसके परिवार वाले सुमन से दहेज की मांग करने लगे थे.
घटना के दिन का विवरण
बीते 7 अगस्त 2021 को नितीश कुमार को सूचना मिली कि उसकी बहन को फांसी लगाकर मार दिया गया है. सूचना पाकर नितीश अपने पिता के साथ मौके पर पहुंचा तो पता चला कि सभी अस्पताल गए हैं. अस्पताल पहुंचने पर देखा कि उसकी बहन स्ट्रेचर पर मृत पड़ी थी. इस दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया और न्यायालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषी को सजा दिलाई.
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मामला समाज में अंतरजातीय विवाह के बाद होने वाली चुनौतियों और दहेज की बुराइयों को उजागर करता है. अदालत के इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिला है और समाज को एक संदेश भी दिया गया है कि ऐसी घृणित घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.