Land for Job Scam एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है, जिसमें पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर नौकरी के बदले जमीन लेने के आरोप लगे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में इस मामले में अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आरोपों के अनुसार, लालू परिवार ने रेलवे में नौकरियां देने के नाम पर लोगों से ज़मीन और संपत्ति को अपने नाम कराया।
Land for Job Scam: तेजस्वी यादव पर करोड़ों की संपत्ति कौड़ियों के दाम में खरीदने का आरोप
ईडी की चार्जशीट के अनुसार, लालू यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मात्र 1 लाख रुपये में 63 करोड़ रुपये की संपत्ति अपने नाम कर ली थी। इस संपत्ति का संबंध अमित कत्याल की कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड से है, जिसे 2014 में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने खरीदा था। आरोप है कि इस सौदे के पीछे मुख्य उद्देश्य अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति को छिपाना था।
Land for Job Scam: दिल्ली में 150 करोड़ का बंगला भी सवालों के घेरे में
ईडी ने अपनी जांच में खुलासा किया है कि तेजस्वी यादव ने दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में स्थित 150 करोड़ रुपये के बंगले को भी कम दाम में खरीदा था। इस बंगले का इस्तेमाल रेलवे में नौकरी के बदले लिए गए रिश्वत के रूप में किए गए संपत्तियों में से एक के रूप में किया गया था। ईडी के अनुसार, यह संपत्ति भी अवैध तरीके से अर्जित की गई थी, और इसे शेल कंपनियों के माध्यम से ट्रांसफर किया गया था।
लालू प्रसाद यादव मुख्य साजिशकर्ता
ईडी की चार्जशीट में यह भी दावा किया गया है कि इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड लालू प्रसाद यादव ही हैं। जब वे रेल मंत्री थे, तब उन्होंने रेलवे में नौकरियां देने के बदले लोगों से जमीन और प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराई। इसके बदले में उनके परिवार के सदस्यों ने कई संपत्तियों को सस्ते दामों में अपने नाम करवा लिया। इस घोटाले में तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव जैसे नाम भी शामिल हैं।
तेजप्रताप यादव भी जांच के घेरे में
ईडी ने इस मामले में लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को भी तलब किया है। सीबीआई के अनुसार, लालू परिवार ने रेलवे में नौकरी के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स से संपत्तियों को अपने नाम ट्रांसफर कराया, जिसमें तेजप्रताप भी शामिल थे।
Land for Job Scam का निष्कर्ष
यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच हुआ, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। आरोपों के अनुसार, इस दौरान लालू परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से अधिक जमीन को मात्र 26 लाख रुपये में खरीदा, जबकि उसकी असली कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपये थी। ईडी की इस जांच में नए खुलासे और तथ्य सामने आ रहे हैं, जिससे यह मामला और गंभीर होता जा रहा है। अब देखना यह है कि लालू परिवार इन आरोपों का कैसे जवाब देता है।