जर्जर खपरैल घर के एक रूम में पढ़ाई करने को मजबूर हैं बच्चे

लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के चैनपुर पंचायत के औराटोली राजकीय प्राथमिक विद्यालय में जर्जर खपरैल के एक रूम में बच्चे पढ़ाई करते हैं। झारखंड में तमाम दावे वादे के बीच सरकारी स्कूल के तस्वीर नही बदल रही है। शिक्षा को लेकर सरकार कई दावे कर रही हैं देश हाईटेक एजुकेशन की ओर बढ़ रहा है, एक ओर जहां स्कूली शिक्षा और सुविधा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें और घोषणाएं की जाती हैं. शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गये हैं. लेकिन मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह जा रहे है बच्चे । चैनपुर पंचायत के औरा टोली स्कूल भवन टूट कर गिर रहे है जिसके डर से खपरैल भवन में चला रहे है स्कूल I स्कूल में लगभग 40 बच्चे नामंकित है लेकिन उपस्थिति 30 बच्चे की होती है कारण है कि लोग भवन के चलते नही आना चाहते है जिससे बच्चे की भविष्य अंधकार मय हो रहा है ।
तेज धूप और बारिश होने से बच्चे घर लौट जाते हैं I

एक ओर जहां स्कूली शिक्षा और सुविधा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें और घोषणाएं की जाती हैं. शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गये हैं. वहीं दूसरी ओर लातेहार जिला का एक ऐसा राजकीय प्राथमिक विद्यालय महुआडांड़ जहां आज भी बच्चे जर्जर भवन के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं स्थिति ऐसी विकट है कि भवन की छत टूटकर नीचे फर्श पर गिर रही थी जिससे कई बार स्कूल मे पढ़ने वाले बच्चे चोटिल ना हो जाए इसलिए सभी बच्चों कों कई साल से बगल के खपरैल वाले मकान मे शिफ्ट करके बचों को पढ़ाने का कार्य किया जा रहा है I

स्कूल मे नहीं है बिजली की व्यवस्था
स्कूल मे बीजली की भी नहीं है व्यवस्था जिससे इस भीषण गर्मी मे भी बच्चों कों पढ़ाई करने मे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है स्कूल मे बच्चों को बैठने के लिए बेंच डेस्क की भी व्यवस्था नहीं हैं I

1 टीचर के भरोसे चल रहा है स्कूल
इस स्कूल मे बच्चों कि संख्या 40 लेकिन स्कूल मे व्यवस्था के अभाव मे कभी स्कूल मे 20 आते है तो तो 15 आते है स्कूल सिर्फ 1 टीचर के भरोसे चल रहा है

कहते है स्कूल का हालत जर्जर बना हुआ कई बार लिखित आवेदन दिया जा चुका पर आज तक कोई पहल नही किया गया है। 4 साल से इसी खपरैल भवन में स्कूल चल रहा हैं I जब इस संबंध में लातेहार जिले के शिक्षा पदाधिकारी प्रिंस कुमार से दूरभाष में संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया I अब देखना होगा की शिक्षा विभाग और इस राज्य के शिक्षा मंत्री बैधनाथ राम इस मामले पर क्या एक्शन लेते हैं

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