झारखंड हाईकोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपित निलंबित IAS अधिकारी Pooja Singhal की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी। इसी बीच अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित पंकज मिश्रा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।
Pooja Singhal की जमानत याचिका पर सुनवाई
ईडी कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद पूजा सिंघल ने हाईकोर्ट में अपील की थी। इस मामले में पूजा सिंघल समेत सात लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। मनरेगा घोटाले के दौरान, फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच, वह खूंटी जिले की उपायुक्त थीं।
पंकज मिश्रा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित
साहिबगंज में अवैध खनन से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में फंसे पंकज मिश्रा की जमानत याचिका पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। ईडी ने पंकज मिश्रा, दाहू यादव और उनके सहयोगियों के 37 बैंक खातों से 11.88 करोड़ रुपये जब्त किए हैं।
कौन हैं निलंबित IAS Pooja Singhal?
पूजा सिंघल झारखंड की निलंबित IAS अधिकारी हैं। निलंबन से पहले वह राज्य के उद्योग सचिव और खान सचिव के पद पर कार्यरत थीं। वह झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) की चेयरमैन भी रह चुकी हैं। मनरेगा घोटाले के दौरान वह खूंटी की डीसी थीं।
पूजा सिंघल पर लगे आरोप
6 मई 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल और उनके करीबियों के 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी। उनके घर से कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए थे। ईडी उनके कार्यकाल के दौरान किए गए विवादित कार्यों की जांच कर रही है, जिनमें कई जिलों में उपायुक्त रहते हुए उनके फैसलों की भी समीक्षा हो रही है।
ईडी से मिले दस्तावेज देखने की मिली अनुमति
हाल ही में ईडी के विशेष न्यायालय ने पूजा सिंघल को दस्तावेज देखने की अनुमति दी थी, जिससे उन्हें इस मामले से जुड़े दस्तावेजों की जांच करने का अधिकार मिल गया।