झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री Madhu Koda को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी चुनाव लड़ने की याचिका को खारिज कर दिया है।
कोयला घोटाला मामले में तीन साल की सजा पाने वाले मधु कोड़ा ने अपनी दोषसिद्धि पर रोक की मांग की थी ताकि वह चुनाव में उतर सकें, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोषी ठहराए जाने के आधार पर सजा स्थगित करने का यह मामला उचित नहीं है।
Madhu Koda ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में की थी अपील
मधु कोड़ा ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें चुनाव लड़ने से रोका गया था। दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि कोड़ा सिर्फ चुनाव लड़ने के उद्देश्य से निचली अदालत के फैसले पर रोक चाहते हैं, जो कि पर्याप्त कारण नहीं है। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया कोड़ा को दोषी ठहराया गया है, इसलिए सजा पर रोक लगाने का कोई ठोस आधार नहीं है।
कोड़ा को कोयला घोटाले में दोषी ठहराने वाले फैसले में उनके साथ राज्य के पूर्व कोयला सचिव और पूर्व मुख्य सचिव एके बसु भी शामिल थे, जिन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी।
मधु कोड़ा का राजनीतिक सफर
- मधु कोड़ा ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत वर्ष 2000 में की।
- 2005 में झारखंड विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की।
- झारखंड के 5वें मुख्यमंत्री के रूप में 18 सितंबर 2006 को शपथ ली और वे किसी भी राज्य में निर्दलीय मुख्यमंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति बने।
- उनका कार्यकाल भ्रष्टाचार और अवैध खनन के आरोपों से घिरा रहा, जिससे 2008 में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
- इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी, झारखंड नवनिर्माण मोर्चा (जेएनएम) का गठन किया, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली।