भारत नहीं, पाकिस्तान के राष्ट्रपिता थे महात्मा गांधी: Abhijit Bhattacharyya

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प्लेबैक सिंगर Abhijit Bhattacharyya बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायकों में से एक हैं, जिन्होंने कई फिल्मों में अपनी आवाज से दर्शकों का दिल जीता है।

Abhijit Bhattacharyya: महात्मा गांधी की आरडी बर्मन से तुलना पर मचा हंगामा

उनकी आवाज़ की पहचान और संगीत में योगदान को सराहा जाता है, लेकिन वे अक्सर अपने बयानों के कारण मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर सुर्खियों में आ जाते हैं। हाल ही में, अभिजीत का एक बयान और भी ज्यादा विवादास्पद हो गया, जब उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तुलना महान संगीतकार आरडी बर्मन से कर दी।

गांधी जी और बर्मन: दो अलग-अलग क्षेत्रों के महानायक

अभिजीत ने महात्मा गांधी के बारे में अपनी एक टिप्पणी में कहा, “महात्मा गांधी को अगर हम आज के समय में देखें तो वह आरडी बर्मन जैसे व्यक्ति के समकक्ष होते।” उनका यह बयान सोशल मीडिया और मीडिया में फैलते ही विवादों का कारण बन गया। गांधी जी का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा है, और उनका योगदान देश की आज़ादी में अनमोल है, जबकि आरडी बर्मन भारतीय संगीत के महान कलाकार थे। ऐसे में दोनों की तुलना करना एक संवेदनशील मुद्दा बन गया।

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सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #AbhijeetControversy

अभिजीत का यह बयान उन लोगों को चौंका गया, जो महात्मा गांधी की महानता को लेकर अत्यधिक आदर और श्रद्धा रखते हैं। उन्होंने गांधी जी को केवल एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में नहीं देखा, बल्कि एक ऐसे नेता के रूप में भी देखा जो देश की सामाजिक और राजनीतिक धारा को नया मोड़ देने में सक्षम थे। वहीं, आरडी बर्मन संगीत के क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं, और उनका योगदान भारतीय सिनेमा की धारा को बदलने में अहम था। ऐसे में गांधी और बर्मन की तुलना करना स्वाभाविक रूप से आलोचनाओं के घेरे में आ गया।

आलोचना और समर्थन के बीच फंसे Abhijit Bhattacharyya

अभिजीत भट्टाचार्य के इस बयान पर कई लोगों ने निंदा की, जबकि कुछ उनके दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करते हुए इसे उनका व्यक्तिगत विचार बताया। सोशल मीडिया पर उनकी इस टिप्पणी के बाद #AbhijeetControversy और #AbhijeetGandhiComparison जैसे हैशटैग वायरल हो गए, जिसमें लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे थे। कुछ ने कहा कि अभिजीत को अपने बयानों में अधिक सोच-समझकर बोलना चाहिए, जबकि कुछ ने उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पक्षधर बताया।

संवेदनशील मुद्दों पर सार्वजनिक हस्तियों की जिम्मेदारी

यह विवाद इस बात को भी दर्शाता है कि हमारे समाज में प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की तुलना करना एक संवेदनशील मुद्दा हो सकता है, खासकर जब वह व्यक्तित्व इतिहास के महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े होते हैं। गांधी जी का योगदान केवल राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने समाज सुधार, अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों के माध्यम से एक नई सोच को जन्म दिया। वहीं, आरडी बर्मन का योगदान भारतीय संगीत के क्षेत्र में था, जिन्होंने अपनी धुनों से भारतीय फिल्मों को एक नई दिशा दी।

अंततः, अभिजीत भट्टाचार्य का यह विवाद इस बात की याद दिलाता है कि सार्वजनिक व्यक्तित्वों को अपने शब्दों और विचारों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि उनका प्रभाव बहुत व्यापक होता है। उनके बयानों का समाज पर गहरा असर पड़ता है, और इस तरह के विवादों से बचने के लिए उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।

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