Bihar के मनीष कुमार तिवारी जम्मू-कश्मीर में शहीद, गांव में पसरा मातम

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Bihar के एक और वीर बेटे ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है। जम्मू-कश्मीर के भारत-पाक सीमा पर शहीद हुए मनीष कुमार तिवारी का शव उनके गांव पहुंचते ही पूरा गांव शोक में डूब गया।

मनीष कुमार तिवारी बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले थे, और भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनकी शहादत ने न केवल उनके परिवार बल्कि समूचे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है।

Bihar News: शहीद का योगदान और वीरता

मनीष कुमार तिवारी भारतीय सेना के एक बहादुर जवान थे जो जम्मू-कश्मीर में भारत-पाक सीमा पर तैनात थे। वहां पर उनकी ड्यूटी के दौरान शत्रु पक्ष से हुई गोलीबारी में वह शहीद हो गए। उनकी शहादत की खबर ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे गांव को गहरे दुख में डुबो दिया। मनीष कुमार तिवारी की वीरता और बहादुरी को गांव के लोग गर्व के साथ याद करेंगे, क्योंकि उन्होंने अपने देश की रक्षा के लिए अपनी जान की आहुति दी।

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Bihar News: गांव में पसरा शोक

जब मनीष कुमार तिवारी का शव उनके गांव पहुंचा, तो पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया। उनका परिवार और ग्रामीण शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्र हुए। मनीष के माता-पिता, पत्नी और अन्य परिवारजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। शहीद के माता-पिता ने अपनी आंखों में आंसू लिए अपने बेटे को अंतिम विदाई दी, जो देश की रक्षा में शहीद हो गया।

गांव के लोग मनीष कुमार तिवारी की शहादत को अपने लिए गर्व की बात मानते हैं और उन्हें एक सच्चे देशभक्त के रूप में याद करेंगे। शहीद के सम्मान में गांव में कई स्थानों पर श्रद्धांजलि सभा और शोक प्रकट करने की प्रक्रिया जारी है।

राजनीतिक और सामुदायिक प्रतिक्रियाएं

मनीष कुमार तिवारी की शहादत के बाद क्षेत्रीय नेताओं और स्थानीय अधिकारियों ने भी शोक व्यक्त किया। बिहार के मुख्यमंत्री ने शहीद मनीष कुमार तिवारी के परिजनों को सांत्वना देते हुए उनकी बहादुरी को सराहा और उनकी शहादत को सम्मानित किया। कई राजनीतिक दलों और नेताओं ने मनीष कुमार तिवारी को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

परिवार के लिए समर्थन

मनीष कुमार तिवारी के परिवार को शहादत के बाद राज्य सरकार और केंद्रीय सरकार से विभिन्न प्रकार का समर्थन मिलने का आश्वासन दिया गया है। मनीष के परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी की पेशकश की गई है, ताकि उनके दुखों को कुछ कम किया जा सके।

देशवासियों के लिए संदेश

मनीष कुमार तिवारी की शहादत यह संदेश देती है कि भारतीय सेना के जवान अपने देश के लिए किसी भी मुश्किल का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। उनका साहस, समर्पण और बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। शहीद जवान की वीरता को याद करते हुए हम सभी को उनके योगदान को हमेशा सम्मान देना चाहिए और उनके संघर्ष के रास्ते पर चलने का प्रयास करना चाहिए।

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