प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 114वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित करते हुए एक दशक पूरा होने पर भावुकता व्यक्त की।
स्वच्छता और जल संरक्षण को जन-जन का अभियान बनाने का आह्वान
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विजयादशमी के दिन शुरू हुआ था, और श्रोता ही इसके असली सूत्रधार हैं। उन्होंने देशभर के लोगों की भागीदारी और उनके योगदान को सराहा, जो ‘मन की बात’ को जन-जन तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर देश में चल रहे स्वच्छता अभियान की सराहना की और कहा कि यह केवल एक दिन या एक वर्ष का काम नहीं है, बल्कि युगों तक निरंतर चलने वाला अभियान है। उन्होंने उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सीमावर्ती गांव ‘झाला’ का उदाहरण दिया, जहां के युवाओं ने ‘धन्यवाद प्रकृति’ नाम से सफाई अभियान चलाकर गांव को स्वच्छ रखने की प्रेरणादायक पहल की है। इस अभियान में गांव के लोग रोजाना दो घंटे सफाई में जुटते हैं और कूड़े को एक निश्चित स्थान पर फेंकते हैं।
मोदी ने जल संरक्षण पर भी जोर दिया, खासकर बारिश के मौसम में इसकी अहमियत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पानी का संरक्षण हर नागरिक का कर्तव्य है और हमें इसे अपनी आदत में शामिल करना चाहिए।
अमेरिकी यात्रा में 300 प्राचीन कलाकृतियों की वापसी का जिक्र
अपनी हालिया अमेरिकी यात्रा का जिक्र करते हुए PM Modi ने बताया कि अमेरिका ने भारत को करीब 300 प्राचीन कलाकृतियों को वापस लौटाया है, जिनमें कई कलाकृतियां चार हजार साल पुरानी हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की गर्मजोशी और अपनापन का भी उल्लेख किया, जब उन्होंने डेलावेयर स्थित अपने निजी आवास में कुछ महत्वपूर्ण कलाकृतियों को प्रदर्शित किया।
10 साल की यात्रा को बताया भावुक, श्रोताओं की भागीदारी को सराहा
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि ‘मन की बात’ के जरिए समाज के उन लोगों को सम्मान मिलता है, जो सामूहिकता की भावना से देश और समाज की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एपिसोड उन्हें भावुक कर देने वाला है क्योंकि इस यात्रा के दस साल पूरे हो चुके हैं, और इन दस वर्षों में लोगों की भागीदारी से ‘मन की बात’ एक आंदोलन बन चुका है।