बिहार सरकार बेहतर शिक्षा को लेकर भले हीं लाख दावे कर लें लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और हीं बयां करती है, बच्चों के बौद्धिक एवं मानसिक विकास के लिए सरकार ने हर स्कूल में लागू किया लेकिन मिड-डे मील लूट खसोट का एक जरिया बन गया।
मामला मतिहारी जिले के रक्सौल प्रखंड क्षेत्र के परसौना तपसी पंचायत के जयंत टोला उत्क्रमित मध्य विद्यालय की है जहां पिछले दो-तीन दिनों से बच्चों के खाने में के रूप में कीड़ा परोसा जा रहा था जब इसकी शिकायत बच्चों ने अपने अभिभावकों से की तो अभिभावक विद्यालय पहुंचे जहां सच्चाई सामने आई की मिड-डे मील के रूप में खाने में पीलू परोसा जा रहा है।
बच्चों के भोजन में कीड़ा मिलने की शिकायत पूर्व में भी ग्रामीणों के द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को किया जा चुका था लेकिन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कोई एक्शन नहीं लिया। प्रधानाध्यापिका एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की हरकतों से तंग आकर ग्रामीणों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग पटना को किया अगले दिन तुरंत जांच के लिए मिड-डे मील की टीम विद्यालय पहुंची। भनक लगते हीं उक्त मौके पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भी जांच के लिए पहुंची जहां एमडीएम टीम वालों के सामने हीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और प्रधानाध्यापिका की पोल खुलने लगी
छात्र-छात्राओं एवं ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दो तीन दिनों से कीड़ा वाला खाना दिया जा रहा है जिसकी शिकायत करने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया जा रहा था I