नक्सली कमांडर Umesh Ravidas गिरफ्तार, 10 साल पुराने कौवाकोल नक्सली हमले में थी तलाश

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बिहार पुलिस ने नक्सली कमांडर Umesh Ravidas को गिरफ्तार कर लिया है। उसे 10 वर्ष पूर्व नवादा जिले के कौवाकोल थाना क्षेत्र में हुई एक बड़ी नक्सली घटना के मामले में पकड़ा गया है।

उस समय करीब 150 से 200 नक्सलियों ने आधुनिक हथियारों से लैस होकर बाजार के बीच दो ट्रैक्टरों को आग के हवाले कर दिया था। इस हमले से इलाके में दहशत फैल गई थी, और पुलिस लगातार इसकी जांच में जुटी थी।

क्या था पूरा मामला?

करीब एक दशक पहले, कौवाकोल में हुए इस नक्सली हमले ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया था। नक्सलियों ने योजनाबद्ध तरीके से बाजार के बीच दो ट्रैक्टरों में आग लगा दी थी। इसके अलावा, उन्होंने इलाके में अपनी मौजूदगी दिखाने और दहशत फैलाने के लिए कई हवाई फायरिंग भी की थी।

यह घटना उस समय हुई जब पुलिस और प्रशासन नक्सली गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए अभियान चला रहे थे। नक्सलियों ने इस हमले को अंजाम देकर यह संदेश देने की कोशिश की कि वे अब भी सक्रिय हैं। उमेश रविदास इस घटना के मुख्य आरोपियों में से एक था, और तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

कैसे हुई गिरफ्तारी?

पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि उमेश रविदास किसी अज्ञात स्थान पर छिपा हुआ है। इसके बाद विशेष पुलिस दल ने सटीक रणनीति बनाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों का कहना है कि उमेश रविदास नक्सली संगठन के लिए लंबे समय तक काम करता रहा है और कई अन्य नक्सली वारदातों में भी उसकी संलिप्तता रही है।

नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा अलर्ट

उमेश रविदास की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और सुरक्षाबलों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है। अधिकारियों का कहना है कि इससे नक्सली संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को और मजबूती मिलेगी।

नक्सलवाद पर सरकार का रुख

बिहार सरकार और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां राज्य से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चला रही हैं। उमेश रविदास जैसे बड़े नक्सली नेताओं की गिरफ्तारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है।

क्या होगा आगे?

  • उमेश रविदास से पूछताछ के बाद और भी बड़े नक्सली नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।
  • पुलिस अन्य फरार नक्सलियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चला सकती है।
  • इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

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उमेश रविदास की गिरफ्तारी नक्सल विरोधी अभियान के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। 10 साल पुराने कौवाकोल नक्सली हमले में उसकी संलिप्तता साबित होने के बाद अब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज होगी। इस गिरफ्तारी से नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बहाल करने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा।

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