NCTE एक दशक बाद फिर से शुरू करेगा एक साल का बीएड प्रोग्राम

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शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की तैयारी करते हुए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने एक साल का बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) प्रोग्राम फिर से शुरू करने की योजना बनाई है।

यह कदम एक दशक के बाद लिया जा रहा है, जब इसे दो साल के पाठ्यक्रम में बदल दिया गया था। एनसीटीई के इस फैसले से शिक्षण क्षेत्र में नई बहस छिड़ गई है और इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

NCTE News: एक साल के बीएड प्रोग्राम की वापसी का कारण

एनसीटीई का कहना है कि शिक्षण क्षेत्र में बढ़ती जरूरतों और शिक्षा प्रणाली में तेजी से हो रहे बदलावों को देखते हुए एक साल का बीएड कोर्स फिर से शुरू करना आवश्यक हो गया है। लंबे समय तक चलने वाले कोर्स के कारण कई छात्र इसे समय और संसाधन की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण मानते थे। इसके अलावा, एक साल का कोर्स पेशेवरों के लिए ज्यादा व्यावहारिक और सुलभ साबित हो सकता है।

NCTE: कौन कर सकता है आवेदन?

एनसीटीई के प्रस्तावित प्लान के अनुसार, एक साल का बीएड कोर्स केवल उन्हीं छात्रों के लिए होगा, जिन्होंने पहले ही किसी विशेष विषय में स्नातकोत्तर (पोस्टग्रेजुएशन) की डिग्री हासिल कर ली है। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि वे शिक्षक बनने के लिए तेजी से शिक्षण क्षेत्र में प्रवेश कर सकें।

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फायदे और चुनौतियां

एक साल का बीएड प्रोग्राम छात्रों के लिए समय और धन की बचत करेगा। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा, जो पहले से ही किसी अन्य क्षेत्र में पढ़ाई या काम कर रहे हैं और अब शिक्षण क्षेत्र में आना चाहते हैं।

हालांकि, इसे लेकर कुछ चुनौतियां भी हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि दो साल का बीएड प्रोग्राम शिक्षकों को गहन प्रशिक्षण और अधिक अनुभव प्रदान करता है। एक साल के कोर्स में उतनी गहराई से शिक्षण कौशल विकसित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

शिक्षा क्षेत्र पर प्रभाव

एनसीटीई के इस फैसले से शिक्षण क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एक साल का कोर्स पेशेवरों को शिक्षण क्षेत्र में जल्दी लाने का अवसर देगा, जिससे योग्य शिक्षकों की कमी को दूर करने में मदद मिल सकती है। यह कदम “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास हो सकता है।

एनसीटीई का एक साल का बीएड प्रोग्राम फिर से शुरू करने का निर्णय शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश है। हालांकि, इसे सफल बनाने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि कोर्स का डिजाइन ऐसा हो, जो शिक्षकों को आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान कर सके। अब देखना यह होगा कि इस पहल को लेकर शिक्षा क्षेत्र और छात्रों की प्रतिक्रिया कैसी रहती है।

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