Jharkhand: प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) का उद्देश्य समाज के कमजोर और गरीब वर्गों को अपने सपनों का घर देने का था, लेकिन झारखंड में इस योजना का गलत इस्तेमाल सामने आया है। राज्य की राजधानी रांची में 728 लाभार्थियों ने योजना के तहत वित्तीय सहायता तो ली, लेकिन घर का निर्माण नहीं करवाया। अब प्रशासन ने इन पर सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया है।
Jharkhand News: योजना का उद्देश्य और लापरवाही
प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य लक्ष्य हर जरूरतमंद व्यक्ति को पक्का मकान उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को घर बनाने के लिए किस्तों में आर्थिक सहायता दी जाती है। लेकिन रांची के कई लाभार्थियों ने सरकार से पैसा तो लिया, पर इसका उपयोग सही तरीके से नहीं किया। कई लाभार्थियों ने घर का निर्माण शुरू ही नहीं किया, जबकि कुछ ने अधूरे निर्माण को ही छोड़ दिया।
Jharkhand News: जांच में हुआ खुलासा
प्रशासन ने हाल ही में योजना के लाभार्थियों की स्थिति का निरीक्षण किया। इस दौरान यह खुलासा हुआ कि 728 लाभार्थियों ने योजना की राशि तो ली, लेकिन उसका इस्तेमाल घर बनाने में नहीं किया। जांच में पता चला कि कुछ लोगों ने यह पैसा अन्य निजी जरूरतों पर खर्च कर दिया, जबकि कुछ ने इसे अनदेखा कर दिया।
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कार्रवाई का आदेश
इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने इन सभी लाभार्थियों के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने बताया कि यह सार्वजनिक धन का दुरुपयोग है और दोषियों को कानून के तहत दंडित किया जाएगा। इसके साथ ही, इनसे राशि वापस लेने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
सरकार की सख्ती
राज्य सरकार ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे योजना के लाभार्थियों की निगरानी और नियमित जांच सुनिश्चित करें। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में कोई लाभार्थी इस योजना का गलत फायदा न उठा सके।
Jharkhand: लोगों की प्रतिक्रियाएं
इस मामले के उजागर होने के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। कई लोगों का कहना है कि इन लापरवाह लाभार्थियों के कारण योजना का उद्देश्य कमजोर पड़ रहा है। वहीं, कुछ लोगों ने सरकार से अपील की है कि भविष्य में लाभार्थियों का चयन और अधिक सख्ती से किया जाए।
योजना की साख पर असर
यह घटना प्रधानमंत्री आवास योजना की साख पर सवाल उठाती है। यह योजना लाखों लोगों के लिए वरदान साबित हुई है, लेकिन इस तरह की घटनाएं सरकार के प्रयासों पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।