Nishant Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सख्त और अनुशासित छवि के लिए जाने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे सिर्फ राजनीति में ही नहीं, बल्कि अपने निजी जीवन में भी उतने ही अनुशासित हैं? खासकर अपने बेटे निशांत कुमार की परवरिश को लेकर वे काफी सख्त रहे हैं। निशांत ने खुद इस बात का खुलासा किया कि अगर वे होमवर्क नहीं करते थे, तो उन्हें कड़ी सजा मिलती थी।
पढ़ाई को लेकर अनुशासन प्रिय थे नीतीश कुमार
नीतीश कुमार का मानना था कि शिक्षा ही जीवन में आगे बढ़ने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। इसलिए वे अपने बेटे को पढ़ाई के मामले में कभी लापरवाह नहीं होने देते थे। अगर निशांत अपना होमवर्क नहीं करते या पढ़ाई में ध्यान नहीं देते, तो उन्हें सजा दी जाती थी।
क्या थी वह ‘बड़ी सजा’?
निशांत कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पिता होमवर्क न करने पर उनसे घंटों तक पढ़ाई करवाते थे और तब तक नहीं छोड़ते थे जब तक कि वे सब कुछ ठीक से याद न कर लें। इसके अलावा, अगर वे किसी विषय में कमजोर पड़ते, तो नीतीश कुमार खुद उन्हें पढ़ाते और सख्ती से अनुशासन बनाए रखते।
Nishant Kumar का जीवन और नीतीश कुमार का प्रभाव
- सादा जीवन – निशांत कुमार एक साधारण और अनुशासित जीवन जीते हैं, जिसका असर उनके पिता की परवरिश का नतीजा है।
- राजनीति से दूर – वे अपने पिता की तरह राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, बल्कि निजी जीवन में शांति पसंद करते हैं।
- शिक्षा में उत्कृष्टता – निशांत पढ़ाई में हमेशा अच्छे रहे, और इसका श्रेय वे अपने पिता की सख्ती को देते हैं।
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नीतीश कुमार का अनुशासनात्मक रवैया
नीतीश कुमार सिर्फ एक सख्त प्रशासक ही नहीं, बल्कि एक अनुशासनप्रिय पिता भी हैं। वे मानते हैं कि संस्कार और अनुशासन से ही व्यक्ति बड़ा बनता है। यही वजह है कि उन्होंने अपने बेटे को भी उसी सख्ती के साथ पाला-पोसा।
हालांकि, निशांत ने यह भी कहा कि उनके पिता की सख्ती प्यार और परवाह के कारण थी, जिससे उन्हें जीवन में सही दिशा मिली। निशांत का यह खुलासा उन माता-पिता के लिए भी एक प्रेरणा है जो अपने बच्चों को अनुशासन और मेहनत का महत्व सिखाना चाहते हैं।