महिलाओं के वोट बैंक पर Nitish Kumar का फोकस, महिला संवाद यात्रा से बदल सकते हैं सियासी समीकरण

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बिहार के CM Nitish Kumar ने आगामी 2025 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को केंद्र में रखते हुए एक रणनीतिक योजना तैयार की है।

15 दिसंबर से शुरू होने वाली महिला संवाद यात्रा के माध्यम से वे राज्य भर की महिलाओं से सीधे संवाद करेंगे। इस पहल को सत्ता में वापसी के लिए उनका तुरुप का पत्ता माना जा रहा है।

महिला वोट बैंक, सत्ता का नया रास्ता

महिला वोट बैंक का महत्व हाल के वर्षों में बढ़ा है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और झारखंड जैसे राज्यों में महिलाओं को केंद्र में रखकर बनाई गई योजनाओं ने चुनावी सफलता में अहम भूमिका निभाई है। झारखंड की मईया सम्मान योजना और महाराष्ट्र की लाडली योजना इसकी ताजा उदाहरण हैं। अब नीतीश कुमार इसी रणनीति को बिहार में लागू करने की तैयारी में हैं।

Nitish Kumar की रणनीति

नीतीश कुमार ने महिलाओं के साथ संवाद स्थापित कर पहले भी बड़े फैसले लिए हैं, जिनमें शराबबंदी का फैसला प्रमुख है। उनकी महिला संवाद यात्रा के दौरान उम्मीद है कि वे महिलाओं के लिए नकद भत्ते जैसी नई योजनाओं की घोषणा करेंगे। 33% आरक्षण देकर उन्होंने पहले ही महिला वोट बैंक में अपनी पकड़ मजबूत की है।

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Nitish Kumar की यात्रा: अतीत से सबक

नीतीश कुमार ने अब तक 14 बड़ी यात्राएं की हैं, जिनमें से कई ने उनकी सत्ता वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महिला संवाद यात्रा भी उनकी एक बड़ी कोशिश है, जिससे वे समाज के इस वर्ग को अपने पक्ष में कर सकते हैं।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष ने इसे नीतीश कुमार की “अंतिम सियासी यात्रा” करार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इसे राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बताया, जबकि जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया कि इस यात्रा के बाद आरजेडी की सियासत खत्म हो जाएगी।

महिला संवाद यात्रा का प्रभाव

महिलाओं के लिए नकद लाभ या विशेष योजनाओं की घोषणा विपक्ष के लिए चुनौती बन सकती है। वहीं, जातिगत आरक्षण और सामाजिक मुद्दों को लेकर विपक्ष अपनी रणनीति पर काम कर रहा है।

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