Patna: Tejashwi Yadav: बिहार में कांग्रेस की इच्छा अब महागठबंधन में नवादा एवं पूर्वी चंपारण पर राष्ट्रीय जनता दल के आगे नहीं चल पाएग. पश्चिमी चंपारण के लिए संभावना बनती नजर आ रही है परंतु ऐसे में वाल्मीकि नगर से अपना मोह त्याग करना होगा. पटना कांग्रेस को ज्यादा पसंद नहीं है.
समस्तीपुर में बीते चुनाव तक वह मुकाबले में रही परंतु इस बार उसके छिन जाने की आशंका जताई जा रही है. वाम डालूंगी दावेदारी अड आने की वजह से कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय की अपेक्षा कम है. कटिहार में भी यह अड़चन नजर आ रही है.
वहीं कांग्रेस अपनी दावेदारी को नहीं छोड़ रही है. तारीख अनवर एक बार फिर से वहां से अपनी दावेदारी को आजमाना चाह रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम भी प्रियंका गांधी से निकटता के आधार पर हाथ पैर मार रहे हैं. वहीं सांसद मोहम्मद जावेद की किशनगंज से सीट पक्की है इसके साथ ही सुपौल एवं पूर्णिया में से कोई एक सीट भी मिल सकती है.
Tejashwi Yadav: मजबूत विकल्प पर चल रहा है विचार
राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी अपना पसीना बहा रहे हैं. वही मुजफ्फरनगर में विधायक विजेंद्र चौधरी लगातार अपने क्षेत्र में बने हुए हैं. पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक मधुबनी के लिए चर्चा में है. मीरा कुमार का नाम सासाराम से दरकिनार नहीं हुआ है परंतु उनके लिए एक मजबूत विकल्प पर विचार विमर्श चल रहा है.
सूत्रों की माने तो 8-9 सीटें कांग्रेस को तथा तीन से चार सिम भाकपा-माले को मिलने की संभावना है. इसके साथ ही बाकी सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल स्वयं चुनाव लड़ने की फिराक में हैं. पार्टी इन पर रिस्क नहीं लेना चाहती.
इन सीटों पर बन सकती है कांग्रेस की बात
- कटिहार
- किशनगंज
- औरंगाबाद
- सुपौल या पूर्णिया
- मधुबनी
- बेतिया
- मुजफ्फरपुर
- सासाराम