पटना: भारत सरकार ने बिहार की स्वर कोकिला और प्रसिद्ध लोक गायिका Sharda Sinha को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित करने की घोषणा की है।
यह सम्मान बिहार और पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। इस मौके पर शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे राज्य और लोक संगीत प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक क्षण है।
Sharda Sinha: लोक संगीत का सम्मान
अंशुमान ने कहा, “सरकार ने लोक संस्कृति, लोकगीतों और सुसंस्कृति का सम्मान किया है। मां अगर आज हमारे बीच होतीं, तो यह पल और भी खास होता। वह सभी को अपने गीत सुनाकर खुश करतीं। हम उन्हें और उनके योगदान को याद कर रहे हैं।”
पुरस्कारों का गौरवपूर्ण सफर
शारदा सिन्हा को 1991 में पद्मश्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। पद्म विभूषण के साथ उनके बेटे ने कहा, “लोक संगीत की धारा में तीनों सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त करना अपने आप में ऐतिहासिक है। यह पुरस्कार न केवल उनके गुणों का सम्मान है, बल्कि लोक संगीत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के उनके प्रयासों का प्रमाण है।”
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भारत रत्न पर अंशुमान की प्रतिक्रिया
शारदा सिन्हा को भारत रत्न दिए जाने के सवाल पर अंशुमान ने कहा, “मेरे लिए वह पहले से ही भारत की रत्न हैं। यह अवार्ड जब मिलेगा, तब मिलेगा, लेकिन उनके योगदान को देख मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि वह भारत की असली रत्न हैं।”
शारदा सिन्हा ने अपने जीवन में लोक संगीत को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। उनकी आवाज ने न केवल बिहार और देश में, बल्कि पूरी दुनिया में लोगों के दिलों को छुआ। पद्म विभूषण का यह सम्मान उनके अतुलनीय योगदान को सच्ची श्रद्धांजलि है।