Pager Balst से लेबनान में हड़कंप, जाने दुनिया के किन देशों में आज भी हो रहा है इस्तेमाल?

हाल ही में लेबनान और सीरिया के कुछ इलाकों में हुए सिलसिलेवार ब्लास्ट के बाद Pager डिवाइस एक बार फिर चर्चा में आया।

इस विस्फोट में पेजर का उपयोग किया गया, जिससे यह सवाल उठने लगा कि क्या आज भी कहीं पेजर का इस्तेमाल हो रहा है। पेजर, जिसे बीपर भी कहा जाता है, एक छोटा वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइस है जो मैसेज भेजने और प्राप्त करने के लिए उपयोग होता है। 1980 और 1990 के दशक में पेजर बेहद लोकप्रिय था, खासकर तब जब मोबाइल फोन आम नहीं थे।

Pager क्या है और कैसे काम करता है?

पेजर एक सिंपल वायरलेस डिवाइस होता है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए संदेश प्राप्त करता है। इसके माध्यम से छोटे-छोटे टेक्स्ट मैसेज भेजे और रिसीव किए जा सकते हैं। पेजर को खासकर स्वास्थ्य सेवा, आपातकालीन सेवाओं और व्यापारिक संस्थानों में उपयोग किया जाता था, क्योंकि यह तेजी से और सुरक्षित तरीके से मैसेज भेजने का एक सरल माध्यम था।

क्यों हुआ Pager का फिर से उपयोग?

हाल ही में हुए लेबनान और सीरिया के ब्लास्ट के दौरान पेजर का उपयोग किया गया, जो हैरानी की बात है। आधुनिक तकनीक के इस दौर में जहां स्मार्टफोन और इंटरनेट ने संचार को बेहद आसान बना दिया है, पेजर का इस्तेमाल पुरानी तकनीक के पुनर्जीवित होने जैसा है। हालांकि पेजर की एक खासियत है कि यह बिना इंटरनेट या मोबाइल नेटवर्क के भी काम करता है, जो संकट या युद्धग्रस्त इलाकों में उपयोगी हो सकता है।

किन देशों में अभी भी हो रहा है पेजर का इस्तेमाल?

आज की तारीख में पेजर का उपयोग बहुत सीमित है, लेकिन फिर भी कुछ देशों में इसे इस्तेमाल किया जा रहा है:

  1. जापान: जापान में पेजर का उपयोग हाल के वर्षों तक देखा गया है, खासकर स्वास्थ्य सेवाओं में। यहां की अस्पतालों और इमरजेंसी सेवाओं में पेजर अब भी भरोसेमंद माध्यम माना जाता है।
  2. अमेरिका: अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी पेजर अभी भी सक्रिय रूप से इस्तेमाल होते हैं, खासकर अस्पतालों में जहां फोन सिग्नल का व्यवधान नहीं होता।
  3. लेबनान और सीरिया: हाल ही के ब्लास्ट के बाद पता चला कि लेबनान और सीरिया के कुछ इलाकों में पेजर अभी भी संचार के माध्यम के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं, खासकर ऐसी जगहों पर जहां अन्य नेटवर्क नहीं पहुंचते।

पेजर का भविष्य

भले ही पेजर का इस्तेमाल धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, लेकिन इसके कुछ फायदे अब भी हैं। यह ऐसे इलाकों में काम करता है जहां नेटवर्क और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं होती, और आपातकालीन सेवाओं के लिए यह अब भी एक प्रभावी माध्यम हो सकता है।

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