Gaya: गया पितृपक्ष मेला समापन के बाद भी पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदानियों के आने का सिलसिला जारी है। सनातनियों के साथ साथ विदेशी भी पिंडदान करने आ रहे हैं। सोमवार रुस और यूक्रेन समेत 19 देशों के विदेशी पिंडदानी अपने पुरखों का पिंडदान किया। सोमवार की सुबह सभी विदेशी पिंडदानी फल्गु नदी के तट पर स्थित देवघाट पर पहुंच कर फल्गु स्नान किया। सभी विदेशियों ने सनातन धर्म के प्रति आस्था जताते हुए विदेशियों की दल ने सामूहिक रूप से गया जी में फल्गु नदी के तट पर स्थित देव घाट पर अपना माता-पिता व पूर्वजों की आत्मा के शांति व मोक्ष के लिए पिंडदान और तर्पण किया।
विदेशी पिंडदानी रूस, यूक्रेन, जर्मनी, कजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, कोरिया समेत 19 देशों से श्रद्धा का कर्मकांड करने पहुंचे हैं। गयापाल पंडा समाज के कटारिया परिवार द्वारा कर्मकांड संपन्न किया गया है। पंडा अरविंद लाल बताते हैं कि यह इस्कॉन मंदिर के फालोवर हैं, प्रभु विष्णु के प्रति आस्था व्यक्त करते हैं। यह विदेशी होते हुए हर वक्त भगवान का स्मरण करते रहते हैं और सनातन धर्म के प्रति पूर्ण आस्था रखते हैं।
वहीं गयापाल पंडा अरविंद कुमार कटियार ने बताया कि यूक्रेन से आए श्रद्धालु अपने पितरों के साथ-साथ रुस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए सैनिकों और नागरिकों का भी पिंडदान किया गया है। विदेशियों की यह टीम शनिवार को बोधगया पहुंची थी। रविवार को विष्णुपद मंदिर, देवघाट और सीताकुंड का भ्रमण भी किया था। सोमवार को सभी लोगों ने सामूहिक रूप से देवघाट पर अपने पितरों का पिंडदान और तर्पण किया।
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