Jharkhand में सादा पान मसाला पर भी बैन! हेमंत सरकार का बड़ा फैसला

Spread the love

Jharkhand सरकार ने राज्य में सादा पान मसाला की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। पहले से ही तंबाकूयुक्त पान मसाले पर बैन लगा हुआ था, लेकिन अब सादा पान मसाला भी इस सूची में शामिल कर दिया गया है। हेमंत सोरेन सरकार के इस फैसले से राज्य में पान मसाला व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच हलचल मच गई है।

Jharkhand News: क्यों लिया गया यह फैसला?

झारखंड सरकार ने इस प्रतिबंध के पीछे स्वास्थ्य संबंधी कारणों को मुख्य वजह बताया है।

  1. स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव – भले ही सादा पान मसाला में तंबाकू नहीं होता, लेकिन इसमें मौजूद हानिकारक केमिकल और सुपारी स्वास्थ्य के लिए घातक माने जाते हैं।
  2. मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करना – झारखंड में पहले से ही तंबाकू और निकोटीनयुक्त उत्पादों पर बैन था, लेकिन कई रिपोर्ट्स में पाया गया कि लोग सादा पान मसाला में तंबाकू मिलाकर उसका इस्तेमाल कर रहे थे।
  3. कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा – स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में मुंह और गले के कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, जिसका एक बड़ा कारण सुपारी और पान मसाला का अधिक सेवन है।

यह भी पढ़े: Bihar में सीएम और मंत्रियों को नहीं मिल रही सैलरी, जानें हैरान करने वाली वजह

Jharkhand News: कैसे लागू होगा यह प्रतिबंध?

  • सरकार जल्द ही इस फैसले की औपचारिक अधिसूचना (notification) जारी करेगी।
  • बाजारों में छापेमारी होगी और प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
  • स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, ताकि लोग पान मसाला के नुकसान को समझ सकें।

व्यापारियों और उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया

इस फैसले से पान मसाला उद्योग से जुड़े व्यापारियों में नाराजगी है। उनका कहना है कि इससे उनका व्यवसाय प्रभावित होगा और हजारों लोगों की आजीविका पर असर पड़ेगा। वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों ने इस कदम की सराहना की है और इसे झारखंड की जनता के लिए फायदेमंद बताया है।

क्या अन्य राज्यों में भी होगा ऐसा?

झारखंड से पहले बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों ने भी सुपारी और हानिकारक पान मसालों पर प्रतिबंध लगाया था। अगर झारखंड में यह प्रतिबंध सफल रहता है, तो अन्य राज्य भी इस दिशा में कदम उठा सकते हैं।

आगे क्या?

अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस फैसले को कितनी सख्ती से लागू कर पाती है और क्या यह कदम झारखंड में तंबाकू और पान मसाला के सेवन को रोकने में कारगर साबित होगा।

यह भी पढ़े: पूर्व विधायक Anant Singh ने बाढ़ कोर्ट में किया आत्मसमर्पण, पुलिस थी गिरफ्तारी के लिए तैयार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

powered by Advanced iFrame. Get the Pro version on CodeCanyon.