New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक पीएम नरेंद्र मोदी ने दी Shyama Prasad Mukherjee पर श्रद्धांजलि, कहीं ये बात की 123वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा “अपने प्रखर राष्ट्रवादी विचारों से मां भारती को गौरवान्वित करने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि. मातृभूमि के लिए उनका समर्पण और त्याग देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा.”
श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे जो भारतीय जनता पार्टी का पूर्ववर्ती संगठन था. वे जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल के सदस्य थे लेकिन नेहरू के साथ मतभेदों के कारण उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थन से जनसंघ का गठन किया.
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1953 में जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तारी के बाद मुखर्जी की मृत्यु हो गई. वह राज्य के गैर-निवासी भारतीय नागरिकों पर लगाई गई पाबंदी के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे और राज्य को दिए गए विशेष दर्जे का विरोध कर रहे थे. उनकी गिरफ्तारी और मृत्यु ने भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में स्थान पाया और उनके त्याग और समर्पण ने भारतीय राष्ट्रवादियों को प्रेरित किया.
जानिए कौन थे Shyama Prasad Mukherjee?
डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जिनकी आज जयंती है. भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक थे. उनका जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में हुआ था. उनके पिता का नाम आशुतोष मुखर्जी था. उन्होंने अपनी पढ़ाई को कोलकाता में शुरू किया और बाद में इंग्लैंड जाकर अपनी शिक्षा जारी रखी.
डॉ. मुखर्जी ने साल 1921 में अपनी बीए की डिग्री प्राप्त की और साल 1923 में उन्होंने लॉ की पढ़ाई पूरी की। वे बैरिस्टर बनकर भारत लौटे और वहां से राजनीतिक करियर की शुरुआत की. उनका सांसद और मंत्री के रूप में योगदान महत्वपूर्ण रहा और उन्होंने अपने विचारों को लेकर एक महत्वपूर्ण स्थान पर खड़ा होकर भारतीय जनसंघ की स्थापना की. उनका समर्थन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी था. डॉ. मुखर्जी ने अपने जीवन में भारतीय समाज और राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उनकी जयंती पर हम सभी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.