प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 116वें एपिसोड में बिहार की एक विशेष लाइब्रेरी की चर्चा कर इसे प्रेरणादायक बताया।
इस लाइब्रेरी की शुरुआत वर्ष 2013 में हुई थी और आज यह हजारों छात्रों की शिक्षा और सफलता का आधार बन चुकी है।
लाइब्रेरी की अनूठी पहल
यह लाइब्रेरी न केवल पुस्तकें उपलब्ध कराती है, बल्कि ग्रामीण और आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों के लिए शिक्षा का केंद्र बन गई है। यहां छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए संदर्भ सामग्री, सामान्य ज्ञान की किताबें, और डिजिटल सुविधाएं दी जाती हैं।
हजारों छात्रों को मिला लाभ
इस लाइब्रेरी से अब तक हजारों छात्रों को फायदा पहुंचा है। खास बात यह है कि यहां से पढ़ाई कर कई छात्रों ने सरकारी नौकरियां हासिल की हैं और उच्च शिक्षा के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश पाया है।
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PM Modi का संदेश
पीएम मोदी ने इस लाइब्रेरी का जिक्र करते हुए इसे शिक्षा के प्रति सामुदायिक प्रयास का बेहतरीन उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी पहलें देश में शिक्षा के स्तर को सुधारने और युवाओं को प्रेरित करने का काम करती हैं।
लाइब्रेरी के पीछे की कहानी
लाइब्रेरी की स्थापना एक स्थानीय समूह ने छात्रों की मदद करने के उद्देश्य से की थी। संसाधनों की कमी के बावजूद, इस प्रयास ने धीरे-धीरे एक बड़ी पहल का रूप ले लिया। आज यह लाइब्रेरी न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बन चुकी है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
पीएम मोदी के ‘मन की बात’ में इस लाइब्रेरी का जिक्र उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सामुदायिक सहयोग से समाज में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं। यह पहल यह भी दिखाती है कि सही दिशा में किया गया छोटा प्रयास भी बड़ी सफलता का आधार बन सकता है। बिहार की यह लाइब्रेरी शिक्षा के प्रति समर्पण और सामूहिक प्रयास की एक शानदार मिसाल है, जो हर राज्य और समुदाय के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।