Jharkhand News: झारखंड कांग्रेस में आंतरिक कलह अब चरम पर पहुंच गई है। पार्टी के कई नाराज नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि यदि प्रदेश संगठन में व्याप्त “भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद” में सुधार नहीं हुआ, तो वे आत्मदाह कर लेंगे। इस पत्र से प्रदेश कांग्रेस में भारी उथल-पुथल मच गई है।

Jharkhand Congress : खरगे को लिखे पत्र में गंभीर आरोप
झारखंड कांग्रेस के करीब 20 असंतुष्ट नेताओं, जिनमें से अधिकांश अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग से हैं, ने खरगे को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- भ्रष्टाचार और पद बेचना: नेताओं ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में संगठनात्मक पदों की बिक्री की जा रही है और भ्रष्टाचार चरम पर है।
- अवसरवाद: पत्र में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बावजूद, प्रदेश नेतृत्व ने कोई सबक नहीं सीखा है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
- जातीय उपेक्षा: असंतुष्ट नेताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि आदिवासी और दलित नेताओं की उपेक्षा की जा रही है और उन्हें उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।
“आत्मदाह” की चेतावनी और तत्काल हस्तक्षेप की मांग
पत्र में स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है कि यदि केंद्रीय नेतृत्व ने तत्काल हस्तक्षेप कर इन “गंभीर अनियमितताओं” को दूर नहीं किया तो वे आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे। नेताओं ने यह भी कहा है कि उन्हें जान का खतरा है और उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा सकता है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान अंसारी ने पत्र की सराहना करते हुए कहा कि वह भी इसी तरह की भावनाओं से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष द्वारा की जा रही नियुक्तियों में गंभीर अनियमितताएँ हैं। यह घटनाक्रम आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती है और पार्टी की एकता पर सवाल उठाता है।





