Bihar News: नीतीश कुमार महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव द्वारा किए जा रहे लोकलुभावन वादों, जिन्हें उनके समर्थक ‘प्रण पत्र’ हुका हिस्सा बता रहे हैं, पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और NDA नेताओं ने तीखा पलटवार किया है।

इन वादों को अव्यावहारिक और सिर्फ चुनावी जुमलेबाजी करार दिया
“अनुभवहीनता की बातें, संभव नहीं”: Nitish Kumar विभिन्न चुनावी सभाओं और मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के हर परिवार को एक सरकारी नौकरी देने के वादे पर सबसे ज्यादा निशाना साधा है। उन्होंने कहा: असंभव वादा: “यह कैसे संभव है? क्या इसके लिए पैसा आसमान से आएगा? इतने बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियां देना संभव ही नहीं है।”अनुभव की कमी: उन्होंने कहा कि ये बातें अनुभवहीनता दर्शाती हैं। शासन चलाने का अनुभव जिनके पास नहीं है, वे ही ऐसे वादे कर सकते हैं। सिर्फ प्रचार: नीतीश कुमार ने कहा, “उन लोगों को काम करने का अनुभव नहीं है, सिर्फ बोलना जानते हैं। हम लोग काम करते हैं, प्रचार नहीं।”
NDA ने बताया ‘जंगल राज’ की वापसी का एजेंडा
NDA के अन्य नेताओं ने भी तेजस्वी यादव के वादों को आड़े हाथों लिया है: पुराना रिकॉर्ड याद दिलाया: BJP और JDU नेता लगातार RJD के 15 साल के शासनकाल (जिसे वे ‘जंगल राज’ कहते हैं) की याद दिला रहे हैं और कह रहे हैं कि जिनके शासन में कानून-व्यवस्था ध्वस्त थी और नौकरियां छीनी गईं, वे अब नौकरी देने का झूठा वादा कर रहे हैं। संसाधनों पर सवाल: सस्ता सिलेंडर और बढ़ी हुई पेंशन जैसे वादों पर भी सवाल उठाते हुए पूछा गया है कि इसके लिए अतिरिक्त संसाधन कहां से आएंगे? क्या इससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर बोझ नहीं पड़ेगा? भ्रामक प्रचार: NDA नेताओं का आरोप है कि तेजस्वी यादव चुनाव जीतने के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं और ऐसे वादे कर रहे हैं जिन्हें पूरा करना संभव ही नहीं है।
सियासी घमासान तेज
छठ महापर्व के समापन के बाद बिहार में चुनाव प्रचार अब अंतिम दौर में प्रवेश कर चुका है। तेजस्वी यादव जहां अपने वादों को प्रमुखता से जनता के बीच रख रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार और NDA नेता इन वादों की व्यावहारिकता पर सवाल उठाकर और RJD के पिछले शासनकाल की याद दिलाकर महागठबंधन को घेरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह जुबानी जंग और तेज होने की संभावना है।






