मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए Port Blair का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ कर दिया है। इस बदलाव की घोषणा खुद गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की।
उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के संकल्प के तहत लिया गया है। श्री विजयपुरम नाम अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व और स्वाधीनता संग्राम में इसके योगदान को दर्शाता है।
शाह की घोषणा: मोदी सरकार का गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति अभियान
गृह मंत्री ने अपने पोस्ट में कहा कि यह द्वीप हमारे देश की आज़ादी के संघर्ष का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सबसे पहले तिरंगा फहराया था और इसी जगह वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। पोर्ट ब्लेयर, जिसे अब श्री विजयपुरम के नाम से जाना जाएगा, चोल साम्राज्य के समय से ही एक महत्वपूर्ण नौसेना अड्डा रहा है और अब यह देश की सुरक्षा और विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
स्वतंत्रता संग्राम का सम्मान: नेताजी और वीर सावरकर का योगदान।
यह बदलाव उन कई नाम परिवर्तनों की श्रृंखला में एक और कदम है, जिसे मोदी सरकार ने राष्ट्रीय पहचान और विरासत को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से उठाया है। इससे पहले भी कई स्थानों के नाम बदले गए हैं, जैसे राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ, इलाहाबाद का नाम प्रयागराज, फैजाबाद का नाम अयोध्या, गुड़गांव का नाम गुरुग्राम और मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया था।
इस नाम परिवर्तन के साथ, सरकार का उद्देश्य देश की स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को ताजा रखना और भारतीय सभ्यता के गौरव को पुनर्स्थापित करना है। श्री विजयपुरम नाम न केवल एक स्थान का प्रतीक है, बल्कि भारतीय स्वाभिमान और स्वतंत्रता के संघर्ष की गाथा को भी दर्शाता है।