जन सुराज पार्टी के संस्थापक Prashant Kishor पिछले 13 दिनों से बीपीएससी परीक्षा में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ अनशन पर हैं। हालांकि, पार्टी सूत्रों के अनुसार, वे अगले दो दिनों में अपना अनशन तोड़ सकते हैं।
Prashant Kishor बुधवार को नए अनशन स्थल पर भी जा सकते हैं
इस बीच, पटना हाईकोर्ट में बुधवार को बीपीएससी की परीक्षा दोबारा कराने की मांग वाली याचिका पर पहली सुनवाई होनी है। प्रशांत किशोर बुधवार को पटना के मरीन ड्राइव के पास नए अनशन स्थल पर भी जा सकते हैं।
आंदोलन पटना में एक महीने से अधिक समय से चल रहा
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हाल ही में आंदोलनकारी छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और संवैधानिक दायरे में हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने प्रशांत किशोर से भी अनशन समाप्त करने की अपील की थी। बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में कथित गड़बड़ियों के कारण परीक्षार्थी परीक्षा को दोबारा कराने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत, आंदोलन पटना में एक महीने से अधिक समय से चल रहा है। इस दौरान कई बार पुलिस कार्रवाई और प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की गई।
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परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों पर बीपीएससी ने 22 केंद्रों पर परीक्षा दोबारा ली थी। हालांकि, प्रदर्शनकारियों और उनके समर्थकों का कहना है कि आयोग को पूरी परीक्षा फिर से आयोजित करनी चाहिए। इस मसले पर राजद ने आंदोलन को नैतिक समर्थन दिया है, जबकि पप्पू यादव ने दो बार बिहार बंद का आह्वान किया है।
Prashant Kishor पर बीपीएससी आंदोलन के दौरान अब तक तीन मुकदमे दर्ज हो चुके हैं
प्रशांत किशोर पर बीपीएससी आंदोलन के दौरान अब तक तीन मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें से एक केस में उन्हें 6 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जमानती धाराओं के तहत उन्हें उसी दिन रिहा कर दिया गया। अनशन के दौरान उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराया गया।
इसी बीच, बीपीएससी ने प्रशांत किशोर, खान सर और अन्य कोचिंग संचालकों को नोटिस जारी करते हुए या तो सबूत पेश करने या सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा है। खान सर ने भी साफ कर दिया है कि वे माफी मांगने के बजाय जेल जाना पसंद करेंगे। इन घटनाओं ने बीपीएससी परीक्षा विवाद को और अधिक गरमा दिया है।