Patna: Prashant Kishor: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की एनडीए में डील सील हो गई है। खबरों के अनुसार उनकी पार्टी को लोकसभा में चार सिटें मिल सकती है।
चिराग पासवान एनडीए के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
खुद चिराग पासवान हाजीपुर सीट से चुनाव में खड़े हो सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ उनके चाचा पशुपति पारस को एनडीए में उतनी ज्यादा अहमियत नहीं मिल रही है। इन सब के बीच जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बताया कि चिराग पासवान एनडीए के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
बीजेपी को आप लोग इतना ताकतवर समझते हैं, वह असली सच्चाई नहीं है
Prashant Kishor ने पत्रकारों के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि जी बीजेपी को आप लोग इतना ताकतवर समझते हैं, वह असली सच्चाई नहीं है। अगर आप मोदी और अमित शाह को गहराई से और पास से देखना समझना चाहते हैं तो आपको यह पता लगेगा कि जहां पर कुछ लोग या राजनीतिक दल उनके विरुद्ध खड़े होकर मजबूती से चुनाव लड़े और इनको हरा दिया, तो वहां पर कभी इनकी हिम्मत नहीं हुई की दोबारा से खड़े होकर चुनाव लड़ जाए।
Prashant Kishor ने आगे कहा कि बिहार वह भूमि है, जहां 2015 में अमित शाह और नरेंद्र मोदी ने काफी प्रयास किया, मगर फिर भी जीत नहीं मिली और हर का सामना करना पड़ा। अब क्योंकि इनको हर से बड़ा डर लगता है इसलिए ऐसे गठबंधन करते हैं।
बीजेपी में इतना ताकत नहीं है कि अकेले नरेंद्र मोदी के स्लोगन पर बिहार में जीत ले
Prashant Kishor ने कहा कि कहीं ना कहीं भाजपा के लीडरशिप को यह डर है कि बिहार में जो राजनीतिक पृष्ठभूमि है, यहां पर सोशल फैब्रिक है, यहां पर समाजवाद की जड़े बहुत गहरी है। बीजेपी में इतना ताकत नहीं है कि अकेले नरेंद्र मोदी के स्लोगन पर बिहार में जीत ले।
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गृह मंत्री अमित शाह का जिक्र किया। वह बोले अमित शाह ने बोला था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गठबंधन में वापस नहीं लिया जाएगा, इनके लिए भाजपा के दरवाजे बंद है, परंतु उन्होंने फिर भी नीतीश को वापस ले लिया। इसका कारण यह है कि बिहार को जितना बीजेपी के लिए आसान नहीं है इसलिए चिराग उपेंद्र और मांझी को वह संग लेकर चलना चाहते हैं।