Arvind Kejriwal: दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने उम्मीदवारों को लेकर गहन मंथन कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को उतारने की तैयारी कर ली है। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन यह मुकाबला राजनीतिक दृष्टि से बेहद दिलचस्प होने वाला है।
प्रवेश वर्मा: भाजपा के दमदार नेता
प्रवेश वर्मा, जो पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पौत्र और भाजपा के प्रमुख नेता हैं, दिल्ली की राजनीति में एक मजबूत चेहरा माने जाते हैं। उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में पश्चिमी दिल्ली सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। 2019 में उन्होंने 5.78 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी, जो भाजपा की मजबूती को दर्शाता है।
हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनकी जगह कमलजीत सेहरावत को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उनकी राजनीतिक पकड़ और लोकप्रियता अभी भी बरकरार है।
Arvind Kejriwal बनाम प्रवेश वर्मा: दिलचस्प होगा मुकाबला
नई दिल्ली विधानसभा सीट अरविंद केजरीवाल का गढ़ मानी जाती है। केजरीवाल ने यहां से लगातार जीत दर्ज की है और उनकी लोकप्रियता का ग्राफ दिल्ली में काफी ऊंचा है। दूसरी तरफ, प्रवेश वर्मा भाजपा के मजबूत नेता हैं और इस सीट पर केजरीवाल को चुनौती देने के लिए एक प्रभावशाली उम्मीदवार साबित हो सकते हैं।
Arvind Kejriwal News: भाजपा की चुनावी रणनीति
भाजपा इस बार बिना मुख्यमंत्री पद के चेहरे के चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी केंद्र सरकार की योजनाओं, खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर चुनावी लड़ाई लड़ेगी। भाजपा के पास 2015 और 2020 के चुनावों में अरविंद केजरीवाल के मुफ्त योजनाओं की काट के लिए ठोस योजना तैयार करने की चुनौती है।
आम आदमी पार्टी की स्थिति
आम आदमी पार्टी (आप) ने पहले ही 11 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। पार्टी की रणनीति मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा योजनाओं पर आधारित है। 2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने 70 में से 62 सीटें जीतकर भाजपा को केवल 8 सीटों पर सिमटा दिया था।
नई दिल्ली सीट पर मुकाबले के मायने
नई दिल्ली सीट का चुनाव न केवल अरविंद केजरीवाल और प्रवेश वर्मा के बीच होगा, बल्कि यह दिल्ली की राजनीतिक दिशा तय करेगा। भाजपा अगर इस सीट पर मजबूत प्रदर्शन करती है, तो यह अरविंद केजरीवाल के प्रभाव को चुनौती देने वाला कदम होगा।