Punjab Farmers: पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान किया, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
किसानों का यह प्रदर्शन फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कर्ज माफी, और बिजली जैसे मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ था।
Punjab Farmer: किसान क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन?
पंजाब के किसान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। उनकी मुख्य मांगें हैं:
- MSP की गारंटी का कानून: किसानों का कहना है कि सरकार ने कृषि कानून वापस लेने के बाद भी उनकी आय और समर्थन मूल्य की गारंटी पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
- कर्ज माफी: बढ़ते कर्ज और आत्महत्याओं के मामले किसानों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं।
- बिजली और सिंचाई सुविधाएं: किसानों को बिजली की बढ़ती कीमत और सिंचाई की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
हरियाणा पुलिस ने कैसे रोका?
दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों को हरियाणा पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। पुलिस ने जगह-जगह पर सख्त पहरा और सड़कें बंद कर दीं। कुछ स्थानों पर किसानों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।
Punjab Farmers: किसानों का रुख
किसान नेताओं ने कहा कि वे किसी भी हाल में दिल्ली पहुंचकर अपनी मांगें सरकार के सामने रखेंगे। उन्होंने कहा, “हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार और पुलिस हमें रोककर हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। यह हमारे संवैधानिक अधिकारों का हनन है।”
प्रदर्शन का प्रभाव
किसानों के प्रदर्शन और पुलिस की बैरिकेडिंग के कारण हाईवे और अन्य सड़कों पर लंबा जाम लग गया। यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, हरियाणा और दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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सरकार की प्रतिक्रिया
हरियाणा और केंद्र सरकार ने अब तक किसानों की मांगों पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं।
क्या होगा आगे?
किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। दिल्ली पहुंचने के लिए वे वैकल्पिक रास्ते अपनाने की योजना बना रहे हैं। अब देखना होगा कि सरकार और किसानों के बीच इस टकराव का समाधान कैसे निकलता है।
पंजाब के किसानों का यह प्रदर्शन न केवल उनकी परेशानियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करता है कि उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान कब होगा। सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाते हुए बातचीत के जरिए समाधान निकालने की जरूरत है।