पटना में बीपीएससी छात्रों के आंदोलन के बीच जन सुराज के संयोजक Prashant Kishor (पीके) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लाठीचार्ज और वायरल वीडियो पर अपनी सफाई दी। उन्होंने छात्रों के आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए सरकार और पुलिस प्रशासन पर तीखा हमला किया।
Prashant Kishor की सफाई
प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक वह गांधी मैदान में मौजूद थे, किसी प्रशासनिक अधिकारी की हिम्मत नहीं हुई कि छात्रों पर लाठीचार्ज करे। उनके हटने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। वायरल वीडियो पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने जान-बूझकर वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया, लेकिन उनकी प्राथमिकता छात्रों की मांगों को सरकार तक पहुंचाना है।
छात्रों की 5 प्रमुख मांगें
- री-एग्जाम कराना।
- परीक्षा में कदाचार की निष्पक्ष जांच।
- दिवंगत छात्र के परिवार को आर्थिक सहायता।
- लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई।
- छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेना।
तेजस्वी यादव पर निशाना
प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वह भाग गए थे, तो तेजस्वी खुद क्यों नहीं आए? उन्होंने कहा कि वे छात्रों की राजनीति में सियासी खेल न करें। “हम मैदान में छात्रों के साथ खड़े हैं, जबकि अन्य लोग केवल ट्वीट कर रहे हैं।”
पुलिस और सरकार पर आरोप
प्रशांत किशोर ने पटना पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ अधिकारियों को हीरो बनने का शौक हो गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि छात्रों पर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
Prashant Kishor News: आंदोलन का अगला कदम
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर छात्रों की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 2 जनवरी से वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि छात्रों की उपेक्षा का जवाब जनता चुनाव में देगी।
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Prashant Kishor: वायरल वीडियो और कांग्रेस नेताओं पर प्रतिक्रिया
प्रशांत किशोर ने कहा कि रात 1 बजे धरनास्थल पर कुछ कांग्रेस नेता उनसे बहस कर रहे थे, और उसी समय का वीडियो वायरल किया गया। उन्होंने इसे साजिश बताया और कहा कि उनकी प्राथमिकता छात्रों की मांगों को पूरा करवाना है।
सरकार पर गंभीर आरोप
प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि बीपीएससी के पोस्ट पहले ही बेचे जा चुके हैं, इसलिए सरकार पुनर्परीक्षा कराने से बच रही है। उन्होंने नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर को खत्म बताते हुए कहा कि सत्ता परिवर्तन होने पर प्रशासनिक अधिकारियों को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।
छात्रों के आंदोलन को लेकर प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।