कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने हाल ही में रेल ट्रैकमैनों की समस्याओं को उजागर करते हुए एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधा।
कर्मचारी रोजाना 35 किलो वजनी उपकरण लेकर 8 से 10 KM तक पैदल चलते हैं: Rahul Gandhi
राहुल गांधी ने ट्रैकमैनों की कठिनाइयों का जिक्र करते हुए बताया कि ये कर्मचारी रोजाना 35 किलो वजनी उपकरण लेकर आठ से दस किलोमीटर तक पैदल चलते हैं। उनका पूरा दिन पटरियों पर काम करने में बीतता है, लेकिन उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने के कोई मौके नहीं मिलते।
राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने पोस्ट में कहा, “रेलवे को गतिशील और सुरक्षित रखने वाले ट्रैकमैन भाइयों के लिए सिस्टम में ‘न तो पदोन्नति है और न ही भावना’।” उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैकमैनों को उन विभागीय परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं है, जिन्हें अन्य कर्मचारी पास करके बेहतर पदों पर पहुंच सकते हैं। इस प्रकार, ट्रैकमैन अपनी भूमिकाओं में फंसे रहते हैं और उनके पास आगे बढ़ने की कोई उम्मीद नहीं होती।
ट्रैकमैनों के लिए सुरक्षा उपकरणों की तत्काल आवश्यकता
राहुल गांधी ने ट्रैकमैनों के लिए सुरक्षा उपकरणों की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें उन उपकरणों से लैस किया जाना चाहिए, जो उन्हें आने वाली ट्रेनों के बारे में समय पर जानकारी दे सकें। इससे दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में काफी कमी लाई जा सकती है। राहुल गांधी ने कहा, “बुनियादी सुविधाओं के बिना प्रतिकूल परिस्थितियों में दिन-रात काम करने वाले ट्रैकमैन भाइयों की इन प्रमुख मांगों को हर कीमत पर सुना जाना चाहिए।”
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गौरतलब है कि राहुल गांधी के इस बयान से एक बार फिर से मोदी सरकार के खिलाफ सवाल उठे हैं, खासकर रेलवे कर्मचारियों के मुद्दों पर। ट्रैकमैनों की समस्याओं को लेकर उनकी यह पहल विपक्ष को सरकार पर दबाव बनाने का एक नया अवसर प्रदान करती है।