जन अधिकार पार्टी के प्रमुख Pappu Yadav ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तारीफ करते हुए उन्हें एक ऐसा नेता बताया, जो देश के हर वर्ग के लोगों के लिए काम करने का जज्बा रखते हैं।
पप्पू यादव ने कहा कि राहुल गांधी पांच प्रधानमंत्रियों के परिवार में पले-बढ़े हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा 140 करोड़ भारतीयों की समस्याओं को अपनी प्राथमिकता बनाया है। उनका यह बयान न केवल राहुल गांधी की छवि को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि भारतीय राजनीति में एक नए दृष्टिकोण की भी बात करता है।
राहुल गांधी की विरासत
पप्पू यादव ने राहुल गांधी की पारिवारिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए कहा कि वे एक ऐसी राजनीतिक विरासत में पले-बढ़े हैं, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम और लोकतंत्र के विकास में गहराई से जुड़ी रही है। पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी जैसे प्रधानमंत्री उनके परिवार का हिस्सा रहे हैं। लेकिन पप्पू यादव ने इस बात पर जोर दिया कि राहुल गांधी ने इस विरासत को केवल नाम तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश के हर वर्ग की भलाई के लिए एक प्रेरणा के रूप में इस्तेमाल किया।
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राहुल गांधी हर वर्ग की आवाज: Pappu Yadav
पप्पू यादव ने कहा कि राहुल गांधी का व्यक्तित्व उनकी जनसेवा की भावना को परिभाषित करता है। वे किसानों, महिलाओं, बेरोजगार युवाओं और गरीबों की आवाज को बुलंद करने में कभी पीछे नहीं रहते। चाहे किसानों के मुद्दे हों, महिला सुरक्षा का सवाल हो या बेरोजगारी का संकट, राहुल गांधी ने हर बार इन मुद्दों पर खुलकर बात की है। उनकी भारत जोड़ो यात्रा इसका जीता-जागता उदाहरण है, जिसमें उन्होंने देशभर में लोगों से संवाद कर उनकी समस्याओं को समझा।
महान व्यक्तित्वों से तुलना
पप्पू यादव ने राहुल गांधी के व्यक्तित्व की तुलना महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, गुरु नानक, संत कबीर और भगत सिंह जैसे महान व्यक्तित्वों से की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी में महात्मा गांधी की अहिंसा और सत्य की भावना, सुभाष चंद्र बोस का अदम्य साहस, गुरु नानक की मानवता, संत कबीर की सादगी और भगत सिंह का बलिदान झलकता है। यह तुलना राहुल गांधी के राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण को एक नई ऊंचाई पर ले जाती है।
राहुल गांधी का दृष्टिकोण
पप्पू यादव ने राहुल गांधी के उस दृष्टिकोण की सराहना की, जिसमें वे विकास को केवल आर्थिक समृद्धि तक सीमित नहीं रखते, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता को भी इसका आधार मानते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की राजनीति सत्ता के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए है। यह दृष्टिकोण आज की राजनीति में दुर्लभ है, जहां अधिकतर नेता केवल सत्ता के समीकरणों में उलझे रहते हैं।